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2025-26 के लिए निगम ने मांगा 11,444.90 करोड़, आयोग ने दी 8,980.52 करोड़ की मंजूरी

Ranchi: झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम ने वित्तीय 2023-24 के लिए 10,847.70 करोड़ के राजस्व की मांग की थी, जिसके बाद आयोग ने विवेकपूर्ण जांच के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 7,854.64 करोड़ रूपये की मंजूरी दी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 10,405.84 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 11,444.90 करोड़ रूपए की मांग की थी. आयोग ने विवेकपूर्ण जांच के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 7,981.30 करोड़ रूपए और वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8,980.52 करोड़ रूपये की मंजूरी दी है.   लाइन लॉस लाना होगा 13 फीसदी :  आयोग ने वित्तीय वर्ष 2023-24, वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वितरण निगम द्वारा 31.26%, 19% और 19% के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2023-24, वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 13% की डिस्ट्रीब्यूशन लॉस की मंजूरी दी है. वितरण निगम ने दिया था 40.02 फीसदी टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव : झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम ने नियांमक आयोग को 40.02% टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया था. आयोग ने विवेकपूर्ण जांच के बाद 6.34% टैरिफ वृद्धि की मंजूरी दी है. आयोग द्वारा कृषि उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है.   आयोग ने इन बिंदुओं पर दी स्वीकृति
  • वितरण निगम ने पब्लिक इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के सोलर ऑवर (सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक) के लिए 8.53 रुपए प्रति यूनिट और नॉन सोलर ऑवर के लिए 12.79 रुपए प्रति यूनिट का प्रस्ताव दिया था.
आयोग ने विवेकपूर्ण जांच के बाद सोलर ऑवर  (सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक) के लिए 7.31 रुपए प्रति यूनिट और नॉन सोलर ऑवर के लिए के लिए 8.77 रुपए प्रति यूनिट की मंजूरी दी है.  
  • वितरण निगम ने ग्रीन एनर्जी टैरिफ के लिए 8.375 रुपए प्रति यूनिट का प्रस्ताव दिया था. आयोग ने विवेकपूर्ण जांच के बाद ग्रीन एनर्जी टैरिफ एप्रुब्ड टैरिफ प्लस 0.60 रुपए प्रति यूनिट की मंजूरी दी है.
 
  • यदि उपभोक्ता 5 दिनों के भीतर बिल का भुगतान करता है तो उसे कुल बिल के भुगतान पर 2 फीसदी रिबेट प्रदान की जाएगी.
 
  • लोड फैक्टर में छूट उन सभी उपभोक्ताओं को दी जाएगी, जिनका लोड फैक्टर 65% से अधिक है, अधिकतम सीमा 15% की छूट दी जाएगी.
 
  • रूफटॉप सोलर को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए, आयोग ने रूफटॉप सोलर पीवी प्रोजेक्ट के लिए ग्रोस मीटरिंग के लिए 4.16 रुपए किलोवाट प्रति घंटा और नेट मीटरिंग के लिए 3.80 रुपए किलोवाट प्रति घंटा के दर की मंजूरी दी है.
 
  • किसी भी प्रकार के उपभोक्ता के लिए मीटर रेंट की अनुमति नहीं है.
 
  • फिक्सड चार्ज घंटों की संख्या से जुड़ी हुई है. एचडी उपभोक्ता को 23 घंटा एलटी को 21 घंटा बिजली देने के बाद ही फिक्सड चार्ज की वसूली होगी.
 
  • आयोग ने वितरण निगम को निर्देश दिया है कि वह अपनी बिलिंग सॉफ्टवेयर में उपयुक्त परिवर्तन/संशोधन करें, ताकि उपभोक्ताओं को बिजली न मिलने की अवधि के लिए फिक्सड की राशि का स्वतः समायोजन किया जा सके.
  •    प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग पर स्वीच करने पर संबंधित उपभोक्ता के एनर्जी चार्ज पर 3% की छूट लागू होगी, जो लगभग 20 पैसा प्रति यूनिट होगा और प्रीपेड मीटर के इंस्टॉलेशन के एक महीने          के भीतर पूरी स्क्यूरिटी डिपोजिट वापस कराना होगा या बिल से एडजस्ट होगा                
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