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NTPC के लिए हुई ग्राम सभा का विवरण कोर्ट में पेश करे सरकार- हाईकोर्ट

VINEET UPADHYAY Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने एनटीपीसी के पकरी बरवाडीह कोल परियोजना के लिए हुए ग्रामसभा के प्रक्रिया का विवरण सरकार से कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और अरुण कुमार राय की बेंच ने पिछली सुनवाई में सरकार से ग्राम सभा की प्रक्रिया का विवरण मांगा था. जिसके बाद सरकार ने जिला प्रशासन द्वारा जारी पत्र कोर्ट में पेश किया. जिसपर कोर्ट ने सरकार से ग्राम सभा की प्रक्रिया का विवरण सरकार से कोर्ट में उपलब्ध कराने को कहा है. कोर्ट ने यह आदेश मंटू सोनी द्वारा फर्जी ग्रामसभा कर लोगों के फर्जी हस्ताक्षर कर एनटीपीसी द्वारा फॉरेस्ट क्लियरेंस लिए जाने का आरोप लगाते हुए दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया है. अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह और दीपक कुमार ने याचिककर्ता की तरफ से बहस किया. इसके साथ ही कोर्ट ने एनटीपीसी के बारियातू माइंस के नजदीक विलुप्त प्राय आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय की बस्ती को लेकर भी सरकार से जवाब मांगा है .

हाईकोर्ट ने इस मामले में झालसा को प्रतिवादी बनाया है. साथ ही अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने झालसा को इस मामले में प्रतिवादी बनाते हुए मेम्बर सेक्रेट्री से मंतव्य की मांग की है. वहीं क्षेत्र की दुमुहानी नाला को नष्ट कर अवैध खनन के दोषियों को सरकारी आदेशों का गलत व्याख्या करने के मामले में भी अदालत ने सरकार से जवाब माँगा है.

आरसीसीएफ ने कोर्ट को दिया अधूरा जवाब

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में फर्जी ग्राम वन प्रबंधन एवं संरक्षण समिति की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई नही करने एवं रिपोर्ट बदलने के मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ़) झारखंड को व्यक्तिगत शपथ पत्र दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया था. प्रधान मुख्य वन संरक्षक के बदले क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ) ने कोर्ट में आधा अधूरा और भ्रामक जवाब शपथपत्र के माध्यम से दिया. जिसको लेकर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह और दीपक कुमार ने कोर्ट में लिखित रूप से बताया कि क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक ने कोर्ट को अधूरा और भ्रामक जवाब दिया है. जांच अधिकारी एके परमार के रिपोर्ट बदलने के मामले में कहा गया है कि उन्होंने गलत रिपोर्ट बनाया है जिसके लिए उनको शो कॉज किया गया है. लेकिन हाईकोर्ट से यह तथ्य छुपा दिया गया, जिसमें एके परमार ने उपरोक्त शो कॉज नोटिस का जवाब दे दिया और जवाब देने के बाद उनके खिलाफ विभाग ने कोई कार्रवाई नही किया था.
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