झारखंड समेत देशभर से प्रशिक्षित पुलिसकर्मी का चयन कर गृह मंत्रालय तैयार करेगी 5000 साइबर कमांडो
Saurav Singh
Ranchi : झारखंड समेत पूरे देश से प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को चुनकर केंद्रीय गृह मंत्रालय पांच हजार साइबर कमांडो तैयार करेगी. इसको लेकर तैयारी शुरू हो गयी है. पुलिसकर्मियों के चयन (सेलेक्शन) को लेकर गृह मंत्रालय ने झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा है. लिखे पत्र में कहा गया है कि जनवरी 2023 और 2024 में आयोजित डीजीपी और आईजीपी सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने सिफारिश की है कि पुलिस संगठन के अंदर उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित ‘साइबर कमांडो’ की एक विशेष शाखा स्थापित की जानी चाहिए. ताकि साइबरस्पेस से साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला किया जा सके. गृह मंत्रालय अगले पांच वर्षों में पांच हजार साइबर कमांडो जुटाने की योजना बना रहा है.
पुलिस संगठन का अभिन्न अंग होगा साइबर कमांडो विंग
साइबर कमांडो विंग पुलिस संगठन का अभिन्न अंग होगा और इसे राष्ट्रीय संसाधन माना जायेगा. संभावित साइबर कमांडो की पहचान राज्यों और संघ शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के विभिन्न पुलिस संगठनों में कार्यरत कर्मियों (सभी रैंक) में से की जायेगी, जिन्हें कंप्यूटर नेटवर्क और ऑपरेटिंग सिस्टम की बुनियादी जानकारी हो. प्रशिक्षित कमांडो अपने मूल संगठन के लिए काम करेंगे. उनसे डिजिटल फोरेंसिक, घटना प्रतिक्रिया और आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित करने में प्रशिक्षण के दौरान विकसित विशेषज्ञता के अनुसार भूमिकाएं सौंपे जाने की अपेक्षा की जायेगी. उन्हें साइबर कमांडो के रूप में कर्तव्यों से संबंधित भूमिकाओं के लिए उपयोग नहीं किया जायेगा और उन्हें गृह मंत्रालय द्वारा उपयोग किया जा सकता है.
क्या है साइबर कमांडो
साइबर कमांडो विशेष इकाई है, जिन्हें साइबर ऑपरेशन के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने का काम सौंपा गया है. अमेरिकी साइबर कमांड से लेकर भारत की साइबर रक्षा पहलों तक, ये टीमें साइबर खतरों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिसमें रैनसमवेयर, फिशिंग और राज्य प्रायोजित हमले शामिल हैं, जो सैन्य और राष्ट्रीय सूचना नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.