Ranchi: राजधानी रांची में सोमवार को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर आईएमए ने पीसी की. इसे संबोधित करते हुए आईएमए अध्यक्ष डॉ शंभु प्रसाद ने कहा की क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों का अक्षरत अनुपालन एकल क्लीनिकों, डॉक्टर दंपति द्वारा चलाए जा रहे छोटे अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए कठिन नहीं असंभव है. अतः पूर्व कि भांति हम पुनः यह मांग रखते हैं कि हरियाणा सरकार द्वारा 50 बेड तक के अस्पतालों को दिए जाने वाले छूट को झारखंड में भी लागू किया जाए. बड़े अस्पतालों को भी इसके पूर्ण अनुपालन के लिए 5 वर्ष की शिथिलता अवधि दी जाए.
छोटे-छोटे नर्सिंग होम बंद होते जाएंगे, तो गरीब तबके के लोग कहां जाएंगे
डॉ विमलेश सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से कोई दोमत नहीं है कि झारखंड की स्थिति के हिसाब से यह एक्ट लागू नहीं होनी चाहिए. हमने राज्य सरकार से भी बात की मगर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. सरकार अभी तक हमारी बात पर ध्यान भी नहीं दे रही है. अगर सरकार इसी तरह से उनकी मांगों को नहीं सुनेंगी तो आईएमए आंदोलन करेगी.
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डॉ ब्यूटी बनर्जी ने कहा कि छोटे-छोटे नर्सिंग होम बंद होते जा रहे हैं, तो गरीब तबके के लोग कहां जाएंगे. इससे उन्हें इलाज कराने में काफी परेशानी होगी.
इनकी रही उपस्थिति
इस मौके पर आईएमए अध्यक्ष डॉ शंभू प्रसाद, सचिव, डॉ सुधीर कुमार, डॉ प्रदीप सिंह, डॉ विमलेश सिंह, डॉ ब्यूटी बनर्जी, डॉ रवि शंकर दास प्राइवेट अस्पताल एसोसिएशन अध्यक्ष, डॉ सुनील सिंह संयुक्त सचिव आईएमए मौजूद थे.
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