Ranchi: चर्चेज ऑफ नार्थ इंडिया (सीएनआई) की छोटानागपुर डायसिस के अंतर्गत आनेवाले चाईबासा के एसपीजी ब्वायज स्कूल कैंपस में कुशवाहा इंजीकॉम द्वारा किये जा रहे निर्माण को अवैध बताते हुए डायसिस के अधिकारियों ने आपत्ति दर्ज कराई है.
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मामले की जानकारी देते हुए डायसिस के सचिव रेव्ह बिकला बाखला ने बताया कि चाईबासा में डायसिस की जमीन पर कुशवाहा इंजीकॉम ने रिहायशी और व्यावसायिक भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. इस मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला सचिव सोनाराम देवगम ने पहले ही निर्माण कार्य को रोकने की मांग करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बावजूद निर्माण कार्य शुरू किया गया, जो कि अवैध है.
निर्माण कार्य की जानकारी मिलते ही जताई आपत्ति
अपनी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किये जाने की जानकारी मिलते ही रांची स्थित डायसिस कार्यालय के सचिव रेव्ह बिकला बाखला, कोषाध्यक्ष एवं ट्रस्ट सचिव रेव्ह अरुण बरवा, प्रोपर्टी अधिकारी रेव्ह सामुएल नाग, आईजी रक्षित और चाईबासा के पल्ली पुरोहित रेव्ह निकोलस नाग और सचिव सामुएल होनहागा ने चाईबासा नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी और सिटी मैनेजर से मिलकर अवैध निर्माण पर आपत्ति जताई है. साथ ही 10 अक्टूबर, 2020 को स्वीकृत भवन निर्माण नक्शा जिसकी संख्या CNP/BP/0022/W16/2020 है, को भी तुरंत खारिज करने की मांग की.
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जानिए क्या है मामला
मामले की जानकारी देते हुए बाखला ने बताया कि चाईबासा की इस जमीन पर निर्माण कार्य के लिए जयंत अग्रवाल ने फर्जी तरीके से आवेदन किया था. इसकी जानकारी मिलते ही डायसिस ने जयंत अग्रवाल को 30 जून, 2020 को एसपीजी ब्वायज स्कूल के सचिव पद के साथ ही अन्य सभी पदों से बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद 29 अक्टूबर, 2020 को भवन निर्माण के लिए नक्शा और आवेदन दिया गया, इसलिए यह अमान्य है. मामले पर ट्रस्ट के सचिव रेव्ह बरवा ने कहा कि यदि भविष्य में कोई भी जयंत अग्रवाल या कुशवाहा इंजीकॉम के साथ मिलकर इस जमीन के लिए कोई भी लेन-देन करता है, तो उसमें ट्रस्ट की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.
अखबारों में खबर छपने के बाद मिली जानकारी
चाईबासा स्थित डायसिस की जमीन को लेकर नवंबर से पूर्व 6 महीने पहले तक यह जमीन काफी विवादित थी. इसी जमीन को लेकर डायसिस और सीएनआई के बीच विवाद काफी बढ़ गया था. लेकिन नवंबर माह में दोनों पक्षों के बीच समझौते के साथ मामला शांत हुआ और जमीन के डायसिस की संपत्ति होने की बात कही गई. लेकिन अब फिर इस जमीन पर मॉल बनने की बात सामने आई है. इसकी जानकारी अधिकारियों को चाईबासा के अखबारों के माध्यम से मिली. जानकारी मिलते ही अधिकारियों ने मामले में संज्ञान लिया.
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