Ranchi : झारखंड हाइकोर्ट ने सिविल जज नियुक्ति में खेल कोटे का लाभ देने के मामले में भारतीय ओलंपिक संघ से जवाब मांगा है. अदालत ने संघ को यह बताने को कहा है कि वर्ष 2010 में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया संघ से संबद्ध था या नहीं. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने 19 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में मयंक ठाकुर ने याचिका दाखिल की है.
खेल कोटे का लाभ नहीं दिया गया
सुनवाई के दौरान कहा गया कि जेपीएससी ने वर्ष 2018 में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था. प्रार्थी ने नियुक्ति में खेल प्रमाण पत्र दिया था, लेकिन उन्हें खेल कोटे का लाभ नहीं दिया गया. जबकि उन्होंने आइओए से संबद्ध संस्था स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया से खेल प्रमाण पत्र प्राप्त किया है.
मामले में जेपीएससी का पक्ष
सुनवाई के दौरान आइओए ने कहा कि वर्तमान में उक्त संस्था उनके यहां संबद्ध नहीं है. इस पर प्रार्थी ने कहा कि वर्ष 2010 तक उक्त संस्था आइओए से संबद्ध थी. इस पर अदालत ने आइएओ से जवाब मांगा है. इस मामले में जेपीएससी का कहना है कि प्रार्थी की नियुक्ति इसलिए नहीं की गयी है, क्योंकि इनकी ओर से दिया गया खेल प्रमाण पत्र विज्ञापन के अनुरूप नहीं था.
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