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सर्दियों में हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर का खतरा ज्यादा, ऐसे रखें दिल का खास ख्याल

LagatarDesk :    भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है. यह मौसम काफी सुहावना होता है. लेकिन यह अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है. ऐसे में अपना खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है. दिल के मरीजों के लिए सर्दियों का मौसम बहुत खतरनाक होता है. स्टडीज के मुताबिक, इस मौसम में हार्ट अटैक,  हार्ट फेलियर और अर्थिमिया होने की संभावना ज्यादा होती है.

हार्ट पर असर पड़ने से हार्ट फेलियर का बढ़ता है खतरा

सर्दियों के मौसम में बॉडी और हार्ट को शरीर का सही तापमान को बनाये रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. जिसके कारण हमारे हार्ट पर ज्यादा असर पड़ता है. ऐसे में जिनका कमजोर दिल होता है उनको हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है.

सर्दियों में ऐसे रखें अपने दिल का ख्याल

  • ठंड के मौसम में गर्म कपड़े, दस्ताने और टोपी पहन कर शरीर को गर्म रखना चाहिए.
  • ऐसे मौसम में बहुत ज्यादा स्मोकिंग और शराब के सेवन से बचना चाहिए.
  • फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाये. साथ ही योग या मेडिटेशन करना चाहिए.
  • पूरी नींद लेने से हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है.
  • ठंड में डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए.
  • फल और सलाद का सेवन करें. बहुत ज्यादा नमक और मीठा खाने से बचें.
  • समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराये और किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.

कैटेकोलामाइन लेवल बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा

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हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो सर्दियों में तापमान में गिरावट आती है. मनोवैज्ञानिक रूप से शरीर को गर्म रखने का संकेत मिलता है. कम तापमान नर्वस सिस्टम को एक्टिव करता है. जिससे कैटेकोलामाइन का स्तर बढ़ जाता है. ये रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है, जिससे हृदय गति, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है. रक्त वाहिकाएं संकुचित होने पर ब्लड क्लॉटिंग भी होने लगती है. ये सभी चीजें दिल के दौरे का खतरा बढ़ाती हैं.

फिजिकल एक्टिविटी में कमी के कारण बढ़ता है खतरा

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हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, वायु प्रदूषण, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, मानसिक दबाव, खानेपीने की खराब आदतें और इस मौसम में होने वाले वायरल इंफेक्शन की वजह से भी हार्ट अटैक और फेलियर की संभावना बढ़ जाती है.

फ्लू और निमोनिया जैसी बीमारियां होती है ज्यादा

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जिन लोगों का दिल कमजोर है या जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, उन्हें इस मौसम में सबसे ज्यादा खतरा होता है. क्योंकि इस समय सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. फ्लू और निमोनिया जैसी बीमारियां होने की संभावना भी इस मौसम में ज्यादा होती है.
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