के कारण पहले से ही कोचिंग संस्थान बंद पड़े थे और बिजनेस ठप हो गया था. अब फिर से कोरोना की बढ़ती रफ्तार ने रही-सही उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है. वर्ष 2020 से पहले कोचिंग सेंटरों में जहां विद्यार्थियों की भीड़ देखने को मिलती थी, वहीं अब इन संस्थानों में पसरा रहता है सन्नाटा. सिर्फ कुछ चुनिंदा सेंटरों में विद्यार्थी के नाम पर कुछ ही बच्चे नजर आ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते प्रसार से अब हर चीज पर असर पड़ रहा है. लोग भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से डर रहे हैं. बच्चों का रुझान ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा होने लगा है. स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चे भी घरों में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें : रिम्स">https://english.lagatar.in/kovid-investigation-worker-did-not-reach-rims-a-sample-collection-of-just-50-people-took-place/46162/">रिम्स
में पहुंचा ही नहीं कोविड जांच करने वाला कर्मचारी, महज 50 लोगों का हुआ सैंपल कलेक्ट
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प्रतियोगिता परीक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं
प्रतियोगी परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, लेकिन कोरोना ने इसकी तैयारी पर असर डाला है. नतीजा यह है कि इन व्यवसायों से जुड़े लोगों के लिए अपना बिजनेस खोने का डर है. कोरोना काल के बाद बच्चों की संख्या में काफी कमी हुई है. हालांकि अब संस्थानों ने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी शुरू कर दी है, ताकि बिना कोई खतरा मोल लिए वो अपने बिजनेस भी चला सकें. कोचिंग सेंटरों का बिजनेस चौपट ना हो, इसलिए कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूट में ऑनलाइन तैयारियां करवाई जा रही हैं. कोचिंग-सेंटर पहले (बच्चों की संख्या) अब (बच्चों की संख्या)- रेस इंस्टीट्यूट 150 से 200 25
- महिन्द्रा कोचिंग सेंटर 1200 300
- IAS पतंजलि कोचिंग सेंटर 500 80-90
- श्योर सक्सेस कोचिंग सेंटर 2200 1200-1300
- सृजन सिविल सर्विसेस 150-200 20-25
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कोचिंग संस्थानों को छोड़कर जा रहे हैं शिक्षक
सिविल सर्विसेस की तैयारी कराने वाली पतंजलि आईएएस एकेडमी के ऑफिस इंचार्ज रौशन लाल प्रसाद का कहना है कि पहले जहां एकेडमी को चलाने के लिए 17 शिक्षक होते थे, वहीं अब बच्चों के ना आने की वजह से बिजनेस में जो गिरावट आई है, उससे अब सिर्फ 3 टीचरों में ही एकेडमी को चलाना पड़ रहा है. उनका कहना है कि कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों के पास प्राइवेट जॉब होती है, उनकी सरकारी नौकरी नहीं होती है और इस तरह से जब बच्चे नही आते हैं और पैसे नही आते तो शिक्षक को पैसा देना मुस्किल हो जाता है, शिक्षक बेरोजगार हो जाते हैं.स्थियां एसी उतपन्न हो गई है कि उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है,कोचिंग छोड कर जा चुके शिक्षक घर पर ही 2-4 बच्चों को ले कर होम ट्यूशन दे रहे हैं. बैंकिंग की तैयारी कराने वाला महिंद्रा कोचिंग सेंटर के ऑफिस इंचार्ज संतोष कुमार का कहना है कि पैसे नही आने से शिक्षकों को अब पैसे नहीं दे पा रहे हैं, कहा कि परमानेंट शिक्षकों कंपनसेशन के तौर पर गेस्ट फैकेल्टी बुला रहे हैं और उनको आर्थिक मदद के लिए पैसा दे रहे. श्योर सक्सेस के मैनेजर साकेत कुमार का कहना है कि कोचिंग संस्थानों में बच्चों के नहीं आने पर शिक्षकों को पैसा देना मुश्किल होगा, क्योंकि बच्चों के माध्यम से ही कोचिंग संस्थानों में फीस के रूप में पैसे आते हैं, जिससे शिक्षकों को सैलरी मिलती है. पहले जहां श्योर सक्सेस में 22-23 शिक्षक हुआ करते थे, वहीं अब 17-18 शिक्षक हैं, जिसमें कुछ गेस्ट फैकल्टी भी हैं.alt="" width="600" height="400" />
फीस में आयी भारी गिरावट, कई संस्थानों पर लगे ताले
पतंजलि आईएएस एकेडमी में सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए पहले जहां सिर्फ प्रिलियमस की तैयारी के लिए 25000 रुपए बच्चों से लिए जाते थे, वहीं अब बच्चों से 12 से 13 हजार रुपए ही लिए जा रहे. फीस में 50% की गिरावट करने के बाद भी एकेडमी में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही है. पहले जहां इस एकेडमी में कोरोना काल के पहले बच्चों को पढ़ाने के लिए 7 से 8 बैच चलाए जाते थे, वहीं अब कोरोना काल के बाद बैच सिमट कर मात्र 2 हो गए हैं. श्योर सक्सेस में बैंकिंग, एसएससी की तैयारी करने के लिए फीस में कमी नहीं की गई है, लेकीन बच्चे जो फीस नहीं दे पा रहे हैं, उसका कम पैसे में भी एडमिशन ले लिया जा रहा है. कोरोना काल से पहले यहां 33 से 34 बैच होते थे, अब 20 से 22 बैच ही चल रहे हैं. सृजन सिविल सर्विसेस में प्रिलियम्स की तैयारी के लिए जहां पहले 15000 रुपए लिए जाते थे, वहीं अब 12000 रुपए लिए जा रहे. फिर भी यहां बच्चों की संख्या 20 से 25 ही है. महिन्द्रा कोचिंग सेंटर में फीस के मामले में 10 से 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि उनका कहना है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन कोर्स के साथ डाउट क्लास भी बच्चों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं और बच्चों की संख्या में कमी होने के वजह से फीस बढ़ाई गई हैं. वहीं रेस इंस्टीट्यूट में पहले जहां बैंकिंग, एसएससी की तैयारी के लिए 4 बैच चलते थे, वहीं अब सिर्फ एक बैच चल रहे हैं. प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले लालपुर स्थित अल्टीमेट कोचिंग सेंटर और प्लाजा चौक में स्थित मौर्या ग्रुप ऑफ एजुकेशन एंड कोचिंग सेंटर और वसुंधरा कोचिंग सेंटर में भी लगा है ताला.क्या कहना है कोचिंग संस्थानों के संचालकों का
कोचिंग संस्थानों के संचालकों का कहना है कि दोबारा कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर सरकार को सख्ती बरतने की जरूरत है, क्योंकि दूसरी बार लॉकडाउन के लिए कोई तैयार नहीं है, कोचिंग संस्थानों के शिक्षक पैसे की तंगी से रोड पर आ जाएंगे, उनका कहना है कि सरकार लॉकडाउन करने से पहले कोचिंग संस्थानों पर विचार-विमर्श करे. https://english.lagatar.in/government-again-tough-on-corona-school-college-gym-park-closed-hotel-restaurant-only-50-percent-attendance/46160/https://english.lagatar.in/irfan-ansari-came-to-meet-dalit-families-sitting-on-dharna-had-to-listen/46172/
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