Kolkata : पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कथित हमले के बाद राजनपतिक गहमागहमी बढ़ गयी है. भाजपा-टीएमसी में जुबानी वार-पलटवार जारी है. राज्य सरकार ने ममता बनर्जी के इलाज के लिए पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम बनाई है.
बता दें कि बुधवार को एसएसकेएम अस्पताल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक्सरे किया गया. डाक्टरों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को इस सरकारी अस्पताल के वुडबर्न वार्ड के विशेष केबिन नंबर 12.5 में ले जाया गया और वहां उनका एक्सरे किया गया.
दूसरी ओर ममता के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने ममता की तस्वीर ट्वीट कर लिखा कि बीजेपी रविवार 2 मई को बंगाल के लोगों की शक्ति को देखने के बाद खुद को कोसेगी.
<
.@BJP4Bengal Brace yourselves to see the power of people of BENGAL on Sunday, May 2nd.
Get READY!!! pic.twitter.com/dg6bw1TxiU
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) March 10, 2021
/p>
इसे भी पढ़ें : ममता बनर्जी को लगी चोट, अस्पताल में भर्ती, कहा- मुझ पर हमला हुआ, बीजेपी ने सीबीआई जांच कराने को कहा
बायें पैर का एक्सरे किया गया
एक वरिष्ठ डॉक्टर के अनुसार ममता बनर्जी को इसी परिसर के बांगुर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज में एमआरआई के लिए ले जाया गया. बनर्जी का उपचार कर रहे चिकित्सकीय दल से जुड़े डॉक्टर ने कहा, मुख्यमंत्री के बायें पैर का एक्सरे किया गया. हम एमआरआई भी करना चाहते थे. कहा कि उनकी चोट का आकलन करने के बाद इलाज का अगला कदम तय किया जायेगा. उन्होंने कहा कि एमआरआई करने के बाद सीएम को फिर स्पेशल वॉर्ड में लाया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें : कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, टीएमसी और भाजपा ने चुनाव प्रचार की गरिमा गिरा दी है
बुधवार शाम ममता पर हुआ था कथित हमला
डॉक्टर ने कहा, उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने से पहले हमें उनकी स्थित पर नजर रखने की जरूरत है. राज्य सरकार ने बनर्जी के इलाज के लिए पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम बनाई है. बनर्जी पर शाम को चुनाव प्रचार के दौरान पूर्बी मेदिनीपुर के नंदीग्राम में कथित रूप से हमला हुआ. बनर्जी ने आरोप लगाया कि चार-पांच लोगों ने उन्हें धक्का दिया और वह गिर गयी. उनके अनुसार, उनका पैर सूज गया और बुखार के साथ-साथ सीने में दर्द सा महसूस हो रहा है.
चुनाव आयोग जायेगी टीएमसी
ममता पर हुए कथित हमले को लेकर टीएमसी नेताओं ने चुनाव आयोग जाने का फैसला किया है. पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि वह इस मामले को संवैधानिक संस्था के सामने रखेंगे. उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी को रोकने के लिए कायर कोशिश करते रहे हैं, लेकिन कोई नहीं रोक पाया. सबसे पहले राज्य के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर को हटा दिया गया, फिर डीजी और अब यह सब हुआ. मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि इतने सारे बदलाव करने वाला चुनाव आयोग भी चुप है. उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
चश्मदीदों ने कहा, किसी ने ममता को धक्का नहीं दिया
दूसरी ओर, नंदीग्राम में हुई घटना के दो चश्मदीद भी सामने आये हैं. एक शख्स चितरंजन दास ने ममता बनर्जी के आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है. दास ने कहा, मैं मौके पर मौजूद था. मुख्यमंत्री अपनी कार में अंदर बैठी हुई थीं, लेकिन कार का दरवाजा खुला था. एक पोस्टर से टकराकर कार का दरवाजा बंद हो गया. किसी ने दरवाजे को न तो धक्का दिया और न ही छुआ. दरवाजे के पास कोई भी नहीं था.
मौजूद रहे छात्र सुमन का कहना है कि ममता बनर्जी को देखने के लिए लोग जमा हो गये. सभी लोग उन्हें घेरकर खड़े थे. उसी समय उन्हें गर्दन और पैर पर चोट लग गयी. किसी ने धक्का तो नहीं दिया, गाड़ी धीरे-धीरे चल रही थी. अब ऐसे में ममता बनर्जी के दावे पर बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों के सवालों में दम दिख रहा है.
बीजेपी के आरोपों को मिला बल
ममता बनर्जी लगातार दावा करती रही हैं कि उनके राज्य में अपराध बीजेपी शासित राज्यों की तुलना में बहुत कम हैं. हालांकि आए दिन बंगाल में हिंसा की खबरें सामने आती रहती हैं. पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री जगदीप धनखड़ समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता बंगाल की हिंसा पर चिंता जता चुके हैं.
इस मुद्दे पर तो गवर्नर और ममता बनर्जी के बीच पहले कई मौकों पर जुबानी जंग भी हो चुकी है. अब जिस तरह से ममता बनर्जी अपने ऊपर हमले की साजिश जता रही हैं, उससे वह और उनकी सरकार कटघरे में खड़ी होती नजर आ रही है.