NewDelhi : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार विश्व प्रसिद्ध जर्नल द लैंसेट Covaxin के सेफ्टी और इम्युनोजेनिसिटी प्रोफाइल का डेटा प्रकाशित करेगा. बता दें कि ICMR ने शुकवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है. संस्था के अनुसार ICMR और भारत बायोटेक के साझा उत्पाद Covaxin ने एक खास उपलब्धि पायी है. कहा कि लैंसेट ने भारत से जेनरेट डेटा, जिसमें प्रभावी सेफ्टी और इम्युनोजेनिसिटी प्रोफाइल का जिक्र है, को छापने में दिलचस्पी दिखाई है.
?????? ??????? ??????? ?????-19 ????? ?????? ?????????. The results of the #COVAXIN Phase-2 human clinical trials can be accessed at https://t.co/jjl1WifW2q pic.twitter.com/VKfvjeZuOE
— ICMR (@ICMRDELHI) December 24, 2020
भारत बायोटेक के चैयरमेन & मैनेजिंग डायरेक्टर श्री कृष्ण एल्ला और जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीमती सुचित्रा एल्ला ने आज उपराष्ट्रपति जी से उनके हैदराबाद निवास पर भेंट की।@BharatBiotech pic.twitter.com/DCtldiEjkD
— Vice President of India (@VPSecretariat) December 25, 2020
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COVAXIN के फेज 1 और 2 ट्रायल के नतीजे अच्छे रहे हैं
ICMR ने जानकारी दी है कि COVAXIN के फेज 1 और 2 ट्रायल के नतीजे अच्छे रहे हैं. इन नतीजों ने भारत में फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल का रास्ता साफ किया है. बताया कि देश में 22 जगहों पर ट्रायल जारी है.
इस क्रम में भारत बायोटेक के चेयरमैन ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिल कर देसी वैक्सीन के स्टेटस के बारे में जानकारी दी. एक और खबर कि दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने गुरुवार को कोवैक्सीन के फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल की खातिर वालंटियर्स से आवेदन मंगाये हैं.
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देशभर की 22 ट्रायल साइट्स में से एम्स भी एक है
देशभर की 22 ट्रायल साइट्स में से एम्स भी एक है. जानकारी दी गयी है कि भारत में 26 हजार से ज्यादा वालंटियर्स पर फेज 3 ट्रायल जारी है. Covaxin एक डबल डोज वाली वैक्सीन है. फेज-3 ट्रायल्स डबल-ब्लाइंडेड और रैंडमाइज्ड हैं. यानी किस वालंटियर को कब वैक्सीन देनी है, इसका कोई क्रम नहीं हैं.
ट्रायल में शामिल 50फीसद लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाती है और बाकी 50 फीसद को प्लेसीबो. किसे वैक्सीन दी जा रही है और किसे प्लेसीबो, इस बात का पता न तो इंजेक्शन लगाने वाले को होता है, न जिसे लग रहा है उसे.
यह वैक्सीन भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाई है. भारत बायोटेक और अमेरिका की कंपनी ओकुजेन इंक ने हाल ही में इस वैक्सीन को लेकर डील की है. दोनों मिलकर खासतौर से अमेरिकी बाजार के लिए Covaxin का निर्माण करेंगे.
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