Ranchi : झारखंड-बिहार समेत उत्तर-पूर्वी राज्यों में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ठंडी हवाएं भी चल रही है. कनकनी बढ़ने लगी है. आने वाले दिनों में ठंड के और बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है. ठंड के बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि हार्ट अटैक को लेकर थोड़ी जानकारी रहे, ताकि आप सावधान बरत सकें.
ठंड के मौसम के हार्ट अटैक के बढ़ते खतरे को लेकर हमने डॉ अनुज कुमार से बात की. उन्होंने हार्ट अटैक के लक्षण और ऐसी परिस्थिति में हमें क्या करना चाहिए, इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है.
प्राथमिक लक्षण :
हार्ट अटैक आने पर सीने में दर्द होता है. यह एक प्रेशर (pressure), हेवीनेस (heaviness) या टाइटनेस (tightness) जैसा भी महसूस हो सकता है. कभी-कभी यह दर्द पेट के ऊपर की तरफ जाता है, तो कभी बायें हाथ या कंधे की तरफ जाता है. कई बार जबड़े में या दांत में भी दर्द महसूस हो सकता है. सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और पसीना आना शुरू हो जाता है. कई बार, कुछ व्यक्तियों को गैस का एहसास भी हो सकता है.
हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
- – सबसे पहले मदद के लिए एंबुलेंस को कॉल करें या आपके पास अपना साधन है, जिससे आप अस्पताल पहुंच सकते हैं तो उसे तैयार करने को कहें. नजदीक में जो भी व्यक्ति या मित्र है, उसे भी तुरंत आने को कहें.
- – जब तक गाड़ी तैयार होगी या एम्बुलेंस आयेगा, तब तक प्राथमिक तौर पर Aspirin की गोली मरीज को दें और चबाने को कहें. यह रक्त की धमनियों में क्लॉटिंग (Clotting) को रोकती है. मरीज को किसी उचित जगह पर बैठने या लेटने को कहें, जहां उन्हें आराम मिले.
- – अगर घर में sorbitrate की 5mg की टेबलेट हो तो उसे जीभ के नीचे रखनी चाहिए. अगर मरीज होश में नहीं है तो कुछ भी पिलाने की कोशिश ना करें. मरीज अगर सांस नहीं ले रहा, पल्स नहीं मिल रहा, वैसी परिस्थिति में तुरंत CPR शुरू करें.
- – एंबुलेंस आते ही या गाड़ी तैयार होते ही अस्पताल के लिए निकल जायें. अगर नजदीकी अस्पताल का नंबर है तो उन्हें रास्ते से ही सूचित कर दें कि आप ऐसे किसी मरीज को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं, ताकि वो भी तैयार रहें.