NewDelhi : भारत की G20 अध्यक्षता के मुद्दे पर विदेश मामलों की संसदीय सलाहकार समिति (Parliamentary Consultative Committee for External Affairs) की बैठक में विषय से हट कर राहुल गांधी (लंदन बयान) का मुद्दा छाया रहा. खबर है कि भाजपा के सांसदों ने लंदन में देश के लोकतंत्र के हालात पर दिये गये बयान के लिए राहुल गांधी को घेरा.
हालांकि राहुल गांधी ने सफाई देते हुए कहा कि लंदन में मैंने देश में लोकतंत्र की हालत पर सवाल जरूर उठाये, लेकिन किसी विदेशी देश के हस्तक्षेप की मांग कभी नहीं की. सूत्रों के अनुसार कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक में राहुल गांधी और भाजपा सदस्यों के बीच जमकर बहस हुई.
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हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक व्यक्ति के बारे में है, देश या सरकार के बारे में नहीं
बैठक में भाजपा सदस्यों ने राहुल गांधी पर विदेशी धरती पर देश का अपमान करने का आरोप लगाया. एक सांसद का कहना था कि हम G20 की मेजबानी कर रहे हैं और कुछ लोग बाहर जाकर देश में लोकतंत्र पर सवाल खड़े करते हैं. राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक व्यक्ति के बारे में है, देश या सरकार के बारे में नहीं. अदानी देश हैं क्या? जो उनकी जांच नहीं हो सकती? क्या जांच की बात करना देश की मुखालफत करना है?
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लोकतंत्र बचाने के लिए किसी विदेशी ताकत को हस्तक्षेप करने को नहीं कहा
राहुल गांधी ने भाजपा के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्होंने देश में लोकतंत्र बचाने के लिए किसी विदेशी ताकत या देश को हस्तक्षेप करने को कहा. राहुल ने कहा कि मैने लोकतंत्र का मुद्दा जरूर उठाया और बोला. लेकिन ये भी कहा कि ये हमारा आंतरिक मामला है और हम इसका हल निकाल लेंगे. बैठक में कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि 2023 में G20 की अध्यक्षता भारत को मिलनी ही थी. इसमें मौजूदा सरकार ने कुछ नहीं किया है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने शशि थरूर की बात पर मुहर लगाई. इस क्रम में विदेश मंत्री जयशंकर ने राहुल गांधी से कहा कि मैं आपकी बातों से असहमत हूं कि देश में लोकतंत्र पर खतरा है. लेकिन राहुल गांधी ने कहा, आप भले ही असहमत हैं लेकिन लोकतंत्र पर खतरे की बात पर मैं कायम हूं.

