- कोरोना फैलने में मरकज की कोई भूमिका नहीं थी.
- विदेश से आये तबलीगी जमात के लोगों को पुलिस ने अलग-अलग जगह से उठाया और मरकज़ में गिरफ्तारी दिखा दी.
- विदेशी तो अपने घर जाना चाहते थे, लेकिन दिल्ली और अन्य राज्यों की पुलिस ने क़ानूनी फंदे में फंसा कर उन्हें यहीं रोका.
- जिस मौलाना साद की जमीन जायदाद विदेशी पैसे, संदिग्ध आचरण आदि पर टीवी चैनलों ने घंटों तकरीरें की, वह मौलाना आज भी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में रह रहे हैं और न उनकी गिरफ्तारी हुयी और न ही मुकदमा.
- यही नहीं नफरत और अफवाह से मेडिकल जैसे प्रोफेशन अछूते नहीं रहे. MBBS सेकेंड ईयर के लिए रेफरेंस बुक में `एसेंशियल्स ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी` में तब्लीगी जमात को संक्रमण फैलने का कारण बताया गया है.
- इसके बाद किताब की लेखक संध्या भट और अपूर्वा शास्त्री ने माफी मांगी है. दोनों लेखकों ने कहा कि अगर उनकी किताब में प्रकाशित अंश से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह इसके लिए माफी मांगते है. जैसे ही यह मामला सामने आया उन्होंने माफी मांगी और प्रकाशक ने यह किताब वापस ले ली है. शास्त्री ने कहा कि अब किताब में बदलाव अगले संस्करण में होंगे.
- यह खबर मिडिया से गायब है कि तबलीगी जमात के मामले में पत्रकारिता पर सुप्रीम कोर्ट बहुत कड़ी टिप्पणी कर चुका है. यही नहीं निजामुद्दीन के पुलिस अफसरों की भी झूठे केस बनाने पर खिंचाई हुयी है.
विचार करें, शर्म करें, पश्चाताप करें और स्वीकार करें- पिछले साल हम गलत थे

Pankaj Chatuvedi इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से खबर आ रही है कि थूक लगा कर तंदूरी नान बनाने वाले की. एक ही सम्प्रदाय के लोगों के वीडियों आ रहे हैं. मुकदमें कायम हो रहे हैं. पिछले साल लगभग इसी समय, थूक लगाकर सब्जी-फल बेचने, करेंसी देने, दरवाजे पर थूक लगा देने का हल्ला, रांची में नगर निगम की गाड़ी पर थूकने की अफवाह, कथित वीडियों खूब चले थे. और इसकी आड़ में सैकड़ों सब्जी बेचने वालों की निर्मम पिटाई के वीडियों भी लोग चस्का ले कर देख रहे थे. कारण इस समय बीते साल सरकारी आश्रय प्राप्त नफरती लोगों ने यह माहौल बना दिया था कि दिल्ली मे हजरत निजामुद्दीन के पास तबलीगी जमात के मरकज़ से कोरोना फैला. जो लोग भी जमात में शामिल हुए उनके कारण कोरोना फैला. विदेशी तबलीगी कोरोना फैला रहे हैं. या यों कहें कि मुसलमान देश में साजिशन कोरोना फैला रहे हैं. सारे दिन टीवी पर यही बहस. घर में बंद होने को मजबूर लोगों का एकमात्र आसरा मोबाईल फोन और उस पर दिन भर आईटी सेल के बिकाऊ और लम्पट समूह द्वारा इस तरह के वीडियों, खबर, आदि का प्रसारण. रही बची कसर केजरीवाल जैसे "बगल बच्चों " ने पूरी कर दी और दिल्ली में कोरोना के लिए तबलीगी जमात को दोषी बता दिया. जब दिल्ली दंगों से सहमी हुयी थी. नफरतें चरम पर थीं. तब केजरीवाल ने कोरोना के लिये तबलीगी जमात को दोषी बता दी. अब एक साल बाद सुप्रीम कोर्ट में कुछ बातें साबित हो गयीं
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