Jamshedpur : साकची जेल चौक से अतिक्रमण हटाने के मामले में बीपीएलई केस का सामना कर रहे छह दुकानदारों में तीन ने मंगलवार शाम को अंचल कार्यालय में अपना जवाब सौंपा. जिनमें अरूण कुमार सिंह, रंजीत सिंह एवं एक अन्य दुकानदार शामिल हैं. हालांकि अंचलाधिकारी के अनुपस्थित रहने के कारण इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी. अंचल निरीक्षक हिम्मत लाल महतो ने बताया कि जिन दुकानदारों की ओर से जवाब सौंपा गया है, उनमें किसी के पास वैध दस्तावेज नहीं है. सभी की ओर से केवल यह बताया गया कि वे लंबे समय से वहां दुकान लगाकर अपना कारोबार कर रहे हैं. दुकानें हटाने से उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. दुकानदारों ने दुकानें नहीं हटाने की मांग की. अंचल निरीक्षक ने बताया कि बीपीएलई केस की सुनवाई पूरी होने के बाद ही कोई आदेश पारित होगा. उसके बाद ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा सकेगी. दूसरी ओर, इस मामले में जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की ओर से दुकानें हटाने के संबंध में दी गई नोटिस की अवधि समाप्त हो गई है. सिटी मैनेजर रवि भारती ने बताया कि इस मामले में अनुमंडलाधिकारी के आदेश पर आगे कार्रवाई की जाएगी.
दुकानदारों में हटाए जाने का भय व्याप्त
साकची जेल चौक स्थित जिन छह दुकानदारों पर बीपीएल केस दर्ज किया गया है. उन सभी में हटाए जाने का भय व्याप्त हो गया है. सांसद विद्युत वरण महतो एवं विधायक सरयू राय के यहां दुकानदार गुहार लगा चुके हैं. जहां से उन्हें नहीं हटाए जाने का आश्वासन मिला है. लेकिन बीपीएलई केस दर्ज होने तथा प्रशासनिक कार्रवाई देख सभी दुकानदारों में इसको लेकर भय व्याप्त है. दुकानदार अरुण कुमार सिंह ने बताया कि वे कई वर्षों से वे जेल चौक पर झोपड़ीनुमा दुकान बनाकर दुकानदारी कर रहे हैं. जिससे उनका परिवार चलता है. उन्होंने कहा कि दुकान हटाने के बाद उनके परिवार पर भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो जाएगा. इसी तरह की दलील अन्य दुकानदार भी दे रहे हैं.
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