New Delhi : मणिपुर में लगातार जारी हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक तत्काल बुलाने की मांग की है. सांसद ने कहा कि जमीनी हकीकत को समझने तथा स्थिति की वास्तविक जानकारी होना आवश्यक है. समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बृज लाल को लिखे पत्र में राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि मणिपुर पर समिति की बैठक किये जाने की आवश्यकता है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
तृणमूल कांग्रेस नेता ने 15 जून को लिखा पत्र
तृणमूल कांग्रेस नेता ने 15 जून को लिखे गये अपने पत्र में कहा, ‘‘मणिपुर में हिंसा की मौजूदा स्थिति के आकलन के लिए गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक की आवश्यकता और इससे प्रभावित लोगों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए मैं यह पत्र लिख रहा हूं. लोकतांत्रिक प्रणाली के प्रतिनिधि के तौर पर यह आवश्यक है कि हम यह कार्य करें. मणिपुर में करीब एक महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गयी है.
राज्य के 11 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है
राज्य के 11 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है. अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट पर प्रतिबंध है. अपने पत्र में ओ ब्रायन ने कहा है कि गिरजाघर प्राधिकरण से मिली जमीनी रिपोर्ट यह संकेत देती है कि कई गिरजाघरों में तोड़ फोड़ की गयी है. उन्होंने कहा, यह अभूतपूर्व स्थिति है. आवश्यक सामग्रियों की कीमतें बढ़ गयी हैं. एटीएम के सामने लंबी कतारें लगी रहती हैं. मणिपुर में हालिया हिंसा की घटनाओं ने क्षेत्र में रह रहे लोगों की सुरक्षा और सलामती को लेकर चिंताएं खड़ी की हैं. ऐसी सूचना है कि कई लोग मारे गये हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं. देखते ही गोली मारने के आदेश राज्य में भय के माहौल को बढ़ाते हैं.
स्थायी समिति की बैठक से स्थिति की वास्तविक जानकारी प्राप्त होगी
उन्होंने कहा, यह आवश्यक है कि हम जमीनी हकीकत को समझें और हिंसा के असर का आकलन करें. मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा करने के लिए स्थायी समिति की बैठक होनी चाहिए और इससे स्थिति की वास्तविक जानकारी प्राप्त होगी. बता दें कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे के लिए मेइती समुदाय की मांग के विरोध में मणिपुर में तीन मार्च को एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया था जिसके बाद राज्य में हिंसा भड़क गयी थी.
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