Ranchi : दुष्कर्म रोकने के लिए परिजनों को अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होगी. यह बातें झारखंड पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को डीजीपी एमवी राव ने कही. डीजीपी एमवी राव ने अपराध और पुलिस की सफलता के बारे में बताया. राज्य में हो रहे दुष्कर्म के मामले में डीजीपी ने चिंता जतायी और कहा कि पुलिस चोरी,डकैती,मारपीट जैसे अन्य अपराध रोक सकते हैं. लेकिन दुष्कर्म की घटना को पुलिस रोकने में सफल नहीं हो सकती. इसे रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. सबसे ज्यादा ध्यान बच्चों के माता पिता को देना होगा.
डीजीपी एमवी राव ने कहा कि माता-पिता द्वारा दी गयी शिक्षा ही बच्चों को अच्छे और बुरे काम के लिए प्रेरित करती है. इसके लिए पुलिस भी अपना सहयोग करेगी. जांच में यह पाया गया है कि परिजन अपने बच्चों की देखभाल नहीं करते उन्हें अच्छी शिक्षा नहीं मिलती. उन्हें अकेला किसी के साथ भी जाने दिया जाता है. नतीजा यह है कि वे दुष्कर्म की शिकार हो रही हैं.
अपराध नियंत्रण को लेकर डीजीपी ने की क्राइम मीटिंग
अभी से लेकर दिसंबर तक बहुत सारे त्योहार हैं,व्यवसाय के लिए भी ये समय महत्वपूर्ण है. इस दौरान लोग एक जगह से दूसरे जगह यात्रा करेंगे और पैसों का लेन-देन भी बढ़ेगा. इस दौरान चोरी, लूट, डकैती सहित कई तरह के अपराध बढ़ जाएंगे. जिससे इसमें पुलिस के सामने दोहरी चुनौती होती है.
पहली पर्व त्योहार के समय विधि व्यवस्था बनाये रखना और दूसरी चुनौती यह है कि इस दौरान अपराध पर भी लगाम लगाये रखना.इसे लेकर डीजीपी एमवी राव ने सभी जिले एसपी,एसएसपी के साथ क्राइम मीटिंग की. और नियंत्रण को लेकर सभी जिले के एसएसपी, एसपी को निर्देश दिये गये हैं.
95% कांड में अभियुक्त की गिरफ्तारी हो चुकी
डीजीपी एमवी राव ने कहा कि हाल के दिनों में मानवता को शर्मशार करने वाली कई घटना घटी है. नाबालिग के साथ बलात्कार और उनकी हत्या हुई है. स्पष्ट रुप से ये बात सामने आयी है. उन्होंने कहा कि 95% कांड में अभियुक्त की गिरफ्तारी हो चुकी है. ऐसे मामले स्पीड ट्रायल चलेगा और हर हाल में कनविक्शन होगा. ऐसे अधिकांश मामलों में अपराधी,भुक्तभोगी की जान पहचान का है. हमलोग इस बात को लेकर परेशान है कि इस तरह की घटना पर कैसे काबू पा सकें, ऐसे मामले में हमारी भूमिका घटना शुरु होने के बाद शुरु होती है.
डीजीपी एमवीराव ने कहा कि इसको रोकने के हर पहलू पर हमने होमवर्क किया, इसके रोकने के उपाय पर हमलोग ध्यान दे रहे हैं. इसको कैसे रोकें बहुत चिंतन किया,अध्ययन किया, कोई स्टैंडर्ड प्रैक्टिस या बातें सामने नहीं आयी. बच्चे या बच्ची के संरक्षण का भार,अच्छी शिक्षा, संस्कार का पहला माता- पिता का है. फिर समाज और गांव का है,आखिरी भूमिका पुलिस एजेंसी का है.
स्पेशल ड्राइव चलाकर 8 वीं क्लास से ऊपर के बच्चों को टिप्स दिया जायेगा
डीजीपी एमवी राव ने कहा कि कुछ दिनों से गोड्डा में स्पेशल ड्राइव चलाकर 8 वी क्लास से ऊपर के बच्चों को, कुछ एक्सपर्ट पुलिस टिप्स देगें. जिसमें बताया जायेगा कि कैसे सुरक्षा करना है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम पढ़ायेगें, कैम्प लगाकर परिवार के लोग और अभिभावक को भी समझाएंगे.
डीजीपी ने उदाहरण के तौर पर कहा अगर रांची के चर्च कॉम्प्लेक्स के पास किसी बेटी की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है.लेकिन रात के 11 बजे कोई रुक्का डैम के पीछे जाती है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. उनके और उनके परिवार की होगी. वहीं उन्होंने बताया कि चुनिंदा पुलिसकर्मी स्कूल द्वारा दिये जा रहे ऑनलाइन क्लास में शामिल होंगे. पुलिसकर्मी 8 वीं से ऊपर के कक्षा के छात्रों को अपराधियों से निपटने के टिप्स देंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि महिलाओं और नाबालिगों के लिए सभी जिलों में बुधवार शाम तक एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जायेगा. जिसमें महिला और नाबालिग यौन शोषण के बारे में मैसेज कर इसकी जानकारी दे सकती हैं. पुलिस उसपर कार्रवाई करेगी.
साइबर के लिए 4 प्रशिक्षु आइपीएस की तैनाती
उन्होंने कहा कि राज्य में साइबर अपराध पैर पसार रहा है.इसे रोकने के लिए चार प्रशिक्षु आइपीएस की तैनाती की जायेगी. ये प्रशिक्षु आइपीएस साइबर अपराध से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षित किये गये हैं. राज्य में जिन थाना क्षेत्रों से ज्यादा साइबर अपराध से जुड़े मामले सामने आते हैं, वहां इनकी पोस्टिंग की जायेगी.
गौ तस्करी रोकने के लिए पुलिस की करें सहायता
डीजीपी ने गौ तस्करी को रोकने के लिए भी आम जनता से मदद की अपील की है. उन्होंने कहा कि कोई भी अगर गौ तस्करी के मामले को देखता है तो फौरन पुलिस हेल्पलाइन 112 या 100 डायल पर इसकी सूचना दे सकता है. उसकी पहचान को गोपनीय रखा जायेगा.