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बबलू सागर मुंडा पर जानलेवा हमला हुआ था
कांके थाना क्षेत्र के बोड़ेया में बीते 29 सितंबर को कोयला व्यवसायी बबलू सागर मुंडा पर जानलेवा हमला हुआ था. गोलीबारी की इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई थी. फायरिंग की इस घटना में बबलू सागर मुंडा का निजी अंगरक्षक अजय सोमर घायल हुआ था. घायल अंगरक्षक को आनन-फानन पुलिस ने रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया था. बबलू मुंडा को गोली नहीं लगी थी. वह बाल-बाल बच गए थे. [caption id="attachment_169082" align="aligncenter" width="600"]alt="हथियार" width="600" height="400" /> बरामद हथियार[/caption] इससे पहले पिछले साल 3 मार्च 2020 को बबलू सागर मुंडा के भाई प्रेम सागर मुंडा पर हमला हुआ था. मोरहाबादी मैदान स्थित होटल पार्क प्राइम के पास इस घटना को अंजाम दिया गया था. बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसे भी पढ़ें - लखीमपुर">https://lagatar.in/priyanka-said-on-lakhimpur-violence-we-will-keep-fighting-till-the-minister-of-state-for-home-resigns/">लखीमपुर
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एसएसपी ने किया था एसआईटी का गठन
बीते 29 सितंबर को बबलू मुंडा के ऊपर जानलेवा किया गया था. इससे पहले बबलू मुंडा के भाई प्रेम सागर मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के द्वारा एसआईटी टीम का गठन किया गया था. एसआईटी टीम ने जांच के दौरान पाया कि घटना को अंजाम देने के लिए सुमो गोल्ड वाहन का प्रयोग किया गया है. वाहन को ढूंढने के लिए कई संभावित ठिकाने पर छापेमारी की गई. इसी दौरान सूचना मिली कि करमटोली चौक स्थित गुड्डू गैरेज में वाहन खड़ी है. जांच में पता चला कि 29 सितंबर को ही गैरेज मैकेनिक लालू उर्फ एकरामुल अंसारी के द्वारा वाहन को बरात ले जाने के नाम पर गैरेज मालिक गुड्डू से गाड़ी लिया गया था. पूछताछ के दौरान पता चला कि घटना को अंजाम देने में इसी वाहन का प्रयोग हुआ है. लालू ने अफरोज और इरफान के कहने पर ही वाहन को गैरेज से झूठ बोल कर लाया था. साथ ही अन्य लोगों से भी संपर्क में है, जो लोग इस घटना में संलिप्त हैं. लालू की निशानदेही पर मैनुल और अफरोज को गिरफ्तार किया गया. इन दोनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की और अन्य सदस्यों का नाम बताया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कांटाटोली चौक के पास से काले रंग की स्कार्पियो में सवार होकर जा रहे इरफान अंसारी और राजू उर्फ एजाज को गिरफ्तार किया.टीपीसी उग्रवादी भीखन गंझू के द्वारा मुहैया कराया था एके 56
पूछताछ करने पर ये पता चला है कि इरफान के स्कॉर्पियो के पिछले दरवाजा के पैनल के अंदर खाली जगह में एक एके-56 हथियार छिपाकर रखा गया था. जिसे पुलिस ने बरामद किया. इरफान ने बताया कि यह हथियार टीपीसी उग्रवादी भीखन गंझू के द्वारा मुहैया कराया गया था. इसके साथ दो फूल मैगजीन जिसमें 30 चक्र गोली थी. इसके अलावा तीन पिस्टल घटना को अंजाम देने के लिए मुहैया कराया गया था. साथ ही नीरज भोक्ता नाम के व्यक्ति के माध्यम से पांच लाख रूपया इरफान को और पांच लाख रूपया अफरोज को दिया गया था, ताकि घटना की रूपरेखा तैयार की जा सके.घटना को अंजाम देने के लिए लातेहार से शूटर को बुलाया गया था
इरफान के कहने पर ही राजू उर्फ एजाज के द्वारा घटना को अंजाम देने के लिए लातेहार के चंदवा से शूटर को बुलाया गया था. शूटर को लाने और ले जाने के लिए इरफान की स्कॉर्पियो इस्तेमाल की गयी थी. राजू की निशानदेही पर शूटर अब्दुल्ला आलम, अरशद अली को इरफान के घर के पास से गिरफ्तार किया गया. प्रेम सागर मुंडा हत्याकांड में भी भीखन गंझू, नीरज भोक्ता, इरफान अंसारी और अफरोज अंसारी की संलिप्तता पायी गई है. इस घटना में शामिल अन्य अपराधियों की भी पहचान हुई है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है. इसे भी पढ़ें - रिटायर्ड">https://lagatar.in/retired-brigadiers-lost-wallet-found-by-salon-employee-ranjit-thakur-returned-purse-after-finding-home-address-from-pragya-kendra/">रिटायर्डब्रिगेडियर का खोया बटुआ सैलून कर्मचारी रंजीत ठाकुर को मिला, प्रज्ञा केंद्र से घर का पता ढूंढ लौटाया [wpse_comments_template]