- सदर में काम करने वाली सिर्फ 14 नर्सें ही सरकारी
- 14 एनएचएम के तहत हैं बहाल
- कई सरकारी नर्सें रिटायरमेंट के भी हैं करीब
Ranchi : सदर अस्पताल वर्तमान में राज्य के सबसे बड़े सदर अस्पताल के तौर पर काम कर रहा है. सात मंजिला भवन में पांच सौ बेडों पर इलाज की व्यवस्था है. इसके शुरू हो जाने से रिम्स का बोझ कम हो रहा है. अस्पताल में इलाज के व्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाली 200 नर्सें आउटसोर्स एजेंसी के जरिए कार्यरत हैं. 228 नर्सों में सिर्फ 14 नर्सें ही ऐसी हैं जो सरकारी हैं. वहीं 14 नर्सें एनएचएम के तहत बहाल हैं. बाकी सभी आउटसोर्स के तहत काम कर रही हैं. सदर में मरीजों का लोड हर दिन बढ़ता जा रहा है. जिस कारण नर्सों पर काम का बोझ भी बढ़ रहा है, इसके बाद भी वे आउटसोर्स के तहत बेहद ही न्यूनतम मानदेय में काम करने को मजबूर हैं. सदर में काम करने वाली नर्सों का कहना है कि हम पढ़ाई में चार से पांच लाख तक खर्च करते हैं. इसके बाद भी हमें बहुत की कम पैसे मिलते हैं, जिससे घर किसी तरह चलता है.
नर्सिंग सुविधा को लेकर कोई शिकायत नहीं
सदर अस्पताल में अधिकतर नर्सें आउटसोर्स के तहत काम करती हैं. वे बेहतर तरीके से काम करें और मरीजों को देखभाल और इलाज मिल सके, इसके लिए असिस्टेंट मेट्रन हर सप्ताह नर्सों को ट्रेनिंग देती हैं. हर दिन वे इस बात का भी ख्याल रखती हैं कि मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो. नर्सों को अपने अनुभव और इलाज के तकनीक के बारे में पढ़ाती भी हैं. इसी का फायदा है कि सदर अस्पातल में आने वाले मरीजों को नर्सिंग सुविधा से कोई शिकायत नहीं मिलती. वहीं वे इंटर्न के लिए आने वाली नर्सिंग छात्राओं को बेहतर तरीके से ट्रेंड भी करती हैं. उनका कहना है कि अगर नर्सिंग व्यवस्था और उनका देखभाल सही से मिलता है तो दस दिन में ठीक होने वाले मरीज सिर्फ पांच दिन में भी ठीक हो जाते हैं. अस्पताल का गुणवत्ता उसके नर्सिंग सुविधा से ही आंकी जा सकती है.
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