Ranchi: ईडी की करवाई, केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ प्रमुख आदिवासी संगठनों ने शुक्रवार को राजभवन मार्च किया. मोरहाबादी मैदान से पैदल मार्च का आयोजन किया गया जो रेडियम रोड, कचहरी रोड होते हुए राजभवन तक पहुंचा. इस मार्च में भारी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग पारंपरिक हरवे-हथियार के, पारंपरिक वेष-भूषा में शामिल हुए. आदिवासी संगठनों ने केंद्रीय जांच एजेसी ईडी के समन को राजनीति से प्रेरित और आदिवासी सीएम के खिलाफ षडयंत्र करार देते हुए चेतावनी दी कि अगर हेमंत सोरेन को छुआ भी गया तो झारखंड जल उठेगा.
यह सीधे आदिवासी समुदाय पर है हमला
केंद्रीय सरना समिति के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति के केंद्रीय अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान किया जा रहा है. उन पर दबाव बनाया जा रहा है. सरकार गठन के बाद से हेमंत सोरेन सरकार को गिराने, अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. जब इसमें भाजपा के लोग सफल नहीं हो रहे हैं तो अब हेमंत सोरेन को केंद्रीय जांच एजेसियों के माध्यम से परेशान और तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.यह सीधे तौर पर आदिवासी पर प्रहार और हमला है. सीधे आदिवासी समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को छुआ भी गया तो झारखंड जल उठेगा.
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पीछे से वार करना छोड़े भाजपा
केंद्रीय सरना समिति के नारायण उरांव ने कहा कि येन-केन प्रकरेण एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भाजपा परेशान कर रही है. अगर भाजपा में हिम्मत है तो वह हेमंत सोरेन से राजनीतिक मुकाबला करे. पीछे से वार करना छोड़ दे, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
राज्यपाल केंद्र का एजेंट बनना बंद करें नहीं तो तमिलनाडु वापस भेज देंगे
आदिवासी सेना के अध्यक्ष अजय कच्छप ने कहा कि केंद्र सरकार अपने जांच एजेसियों के माध्यम से एक आदिवासी सीएम को परेशान कर रही है. उन्होंने राजभवन, राज्यपाल और भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह साजिश करना बंद करें. राज्यपाल केंद्र के एजेंट बनकर काम करना बंद करें नहीं तो उन्हें तमिलनाडु वापस भेज दिया जाएगा.
विरोध प्रदर्शन में यह संगठन हुए शामिल
कार्यक्रम में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, नारायण उरांव, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के कुंदरसी मुंडा, सरना समिति कांके के अध्यक्ष सोनू खलखो, क्षेत्रीय पड़हा समिति के अजीत उरांव, पड़ाहा राजा बुधवा मुंडा, कल्याणपुर सरना समिति के दिनेश कच्छप, वामसेफ के जयंत कच्छप, आदिवासी सेना के अध्यक्ष अजय कच्छप, एचईसी विस्थापित मोर्चा के राहुल उरांव, सरना समिति पिठोरिया के योंगेंद्र उरांव, सरना समिति कांके सुरेंद्र लिंडा, अखिल भारतीय आदिवासी विकास के लाली महली, जिला परिषद के कमिश्नर मुंडा, मसीही समाज के माइकल कच्छप, संथाल माझी समाज दिशोम के मोहन सोरेन, बेदिया विकास परिषद सहित कई आदिवासी संगठनों के अगुवा एवं कार्यकर्ता शामिल हुए.
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