Ranchi : आदिवासी समाज की पहचान और अधिकारों को लेकर एक बड़ी पहल की जा रही है. राष्ट्रीय आदिवासी धर्म समन्वय समिति भारत के बैनर तले 31 मई को रांची के पुराने विधानसभा भवन में एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें देश के 12 राज्यों से आदिवासी प्रतिनिधि भाग लेंगे.
इस बैठक का मुख्य विषय आगामी जाति आधारित जनगणना होगा. इसमें आदिवासी समाज की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी. बैठक के संयोजक देवकुमार धान ने बताया कि गांव से लेकर जिला स्तर तक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि जनगणना प्रपत्र में आदिवासी समाज अपनी धर्म, भाषा और जातीय पहचान स्पष्ट रूप से दर्ज करवा सके.
बैठक में यह मांग प्रमुख रूप से उठाई जाएगी कि जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म के लिए अलग कॉलम उपलब्ध कराया जाए, जिससे उनकी धार्मिक पहचान को अलग और स्पष्ट रूप से दर्ज किया जा सके.
इस ऐतिहासिक आयोजन में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, कर्नाटक और असम जैसे राज्यों से आदिवासी प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है
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