विकृत मानसिकता का प्रतिफल
यह अंधविश्वास से ज्यादा आदिवासी गांव- समाज की विकृत मानसिकता का प्रतिफल है। डायन के बहाने आदिवासी महिलाओं की हत्या की जाती है, प्रताड़ना के साथ बिना कपड़ों के गांव में घुमाना, दुष्कर्म करना, मैला पिलाना आदि घटनाएं होती रहती हैं और अधिकतर शिक्षित- अशिक्षित, पुरुष - महिला आदिवासी चुप रहते हैं. यह संविधान- कानून द्वारा संचालित भारतीय जनजीवन में मानवीय गरिमा, न्याय और शांति के रास्ते पर आतंकवादी हमले की तरह है. यह ईर्ष्या- द्वेष, स्वार्थ, बदले की भावना, जमीन- जायदाद हड़पने आदि कारणों से भी घटित होती है। नेताओं ने ज्ञापन में रोकथाम के लिए सुझाव भी दिया है। यह भी पढ़ें: निरसा">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=182423&action=edit">निरसाछठ पूजा कमेटी ने चलाया सफाई अभियान [wpse_comments_template]
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