Hazaribagh: भारतीय मूल के कई छात्र इन दिनों यूक्रेन में फंसे हुए हैं. हजारीबाग नवाबगंज का तुषार राज भी यूक्रेन में फंसा है. वे अपने देश आने को लेकर सरकार से सहयोग मांग रहे हैं. उन्होंने बताया कि यूक्रेन में बड़ी ही तबाही मची है. हर आधे घंटे के अंदर सायरन का आवाज सुनने को मिलता है. रात में आकाश साफ दिखता है. उन्होंने बताया कि भारतीय मूल के कई छात्र यहां फंसे हुए हैं. हमलोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि हमें जल्द से जल्द अपने देश लाया जाए. उन्होंने बताया कि वह 3 साल पहले यूक्रेन में मेडिसिन की पढ़ाई करने के लिए आए थे. 3 मार्च को उनका फ्लाइट भी था.
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हमलोगों के पास 7 दिन का खाना है
कहा कि फ्लाइट कैंसिल हो गया. इस कारण नहीं आ पाए. बताया कि करीब 2000 से अधिक छात्र पैदल ही पड़ोसी देश के लिए निकल गए थे. जिनमें 500 छात्र पहुंच गए. लेकिन शेष छात्रों को बीच में ही रुकना पड़ा. उन्होंने कहा कि बहुत ही मुश्किल से हमलोग यहां रह रहे हैं. सारे दुकान पहले दिन ही बंद हो गए थे. हमलोगों के पास 7 दिन का खाना है. इसके बाद क्या होगा हमें नहीं पता. उन्होंने राज्य एवं केंद्र सरकार से कहा है कि जल्द से जल्द अपने देश ले जाएं. तुषार ने कहा कि कई बार एंबेसी में बातचीत भी हुई. लेकिन वापस लौटने को लेकर कोई खास व्यवस्था सरकार की तरफ से नहीं दिख रही है. अभी तक वतन वापसी को लेकर कोई स्पष्ट संकेत एंबेसी की तरफ से नहीं मिला है.
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