Surjit Singh हरियाणा के हिसार की ज्योति मल्होत्रा की चर्चा आज हर जगह है. टीवी चैनलों के एंकर और हमारे-आपके जान पहचान वाले सोशल मीडिया के धुरंधरों ने उसे हर घर में पहुंचा दिया है. इन सबको एक नाम मिल गया है. वह अपने काम में लगे हैं. खुद को सबसे बड़ा राष्ट्रवादी व देशभक्त का दावा करने और ज्योति मल्होत्रा को देशद्रोही साबित करने में. टीवी एंकर्स और सोशल मीडिया के धुरंधर रोज नई-नई अफवाहें पैदा कर रहे हैं. जिस तरह लाहौर को तबाह कर रहे थे, इस्लामाबाद पर कब्जा दिखा-बता रहे थे, उसी तरह रोज ज्योति मल्होत्रा की एक कहानी लेकर सामने आ रहे हैं. इन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि सच क्या है. पुलिस का अनुसंधान क्या है. वह जो कर रहे हैं, वह कितना देश हित में है. उन्हें सिर्फ लाईक, कमेंट और व्यू से मतलब है.
सवाल यह है कि क्या सच में ज्योति मल्होत्रा देशद्रोही है. क्या यह बात किसी जिम्मेदार एजेंसी के जिम्मेदार अफसर ने कहा है, जांच में क्या पता चला है अब तक. इन सब बातों से इन धुरंधरों को ना पहले मतलब था, ना आज है. ये बस आपके घर और आपके सोशल मीडिया अकाउंट में घुसकर यह फैसला सुनाने की जल्दबाजी में हैं कि ज्योति मल्होत्रा देशद्रोही है.
असल सवाल यह है कि ज्योति मल्होत्रा को लेकर अब तक का सच क्या है. तथ्यों पर गौर करिये. ज्योति मल्होत्रा को हिसार पुलिस ने 16 मई को गिरफ्तार किया था. 18 मई को प्रेस कांफ्रेंस कर पुलिस ने गिरफ्तारी की जानकारी दी थी. जिसके बाद से देश भर में टीवी चैनलों के एकर्स और सोशल मीडिया के धुरंघरों ने उसके खिलाफ अभियान चला दिया. इन सबसे परेशान हिसार पुलिस को 21 मई को एक प्रेस बयान जारी करना पड़ा. जिसमें लिखा है कि ज्योति मल्होत्रा कुछ PIOs के संपर्क में थी और उसने कुछ सूचनाओं का आदान-प्रदान किया था. पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल, एक लैपटॉप और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये थे. जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का विश्लेषण किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट हिसार पुलिस को नहीं मिली है. हिसार पुलिस ने कहा है कि टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर तथ्यहीन खबरें चल रही हैं. यह ना सिर्फ अनुसंधान को, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी प्रभावित करती है.
पुलिस ने अफवाहों, कहानियों और दंतकथाओं का खंडन करते हुए कुछ बातें स्पष्ट की हैं:-
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पूरे मामले की जांच हिसार पुलिस कर रही है और ज्योति मल्होत्रा हिसार पुलिस के ही हिरासत में है. कुछ केंद्रीय एजेंसियां उससे समय समय पर पूछताछ कर रही है. पर किसी को भी हिरासत नहीं सौंपी गयी है.
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आरोपी, यानी ज्योति मल्होत्रा की किसी भी सैन्य, रक्षा या राजनीतिक जानकारी तक पहुंच होने के बारे में अब तक कोई तथ्य नहीं मिला है.ज्योति मल्होत्रा की कथित डायरी का पन्ना बताकर जो शेयर किया जा रहा है, वह पुलिस के पास नहीं है.
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ज्योति मल्होत्रा के चार बैंक अकाउंट है, जिसकी जांच की जा रही है. पैसों के लेन-देन के बारे में अभी कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती.
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ज्योति मल्होत्रा यह जानते हुए कुछ लोगों के संपर्क में थी, जो कि PIOs से हैं. लेकिन अभी तक आरोपी के किसी आतंकवादी संगठन से संपर्क होने का तथ्य सामने नहीं आया है. उसके किसी आतंकी घटना से संबंध होने के भी तथ्य नहीं मिले हैं.
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ज्योति मल्होत्रा के किसी PIOs के साथ शादी, धर्म परिवर्तन आदि के बारे में भी कोई तथ्य सामने नहीं आय़ा है.
तो यह सब कहना है हिसार जिला के पुलिस अधीक्षक का. और टीवी एकर्स और सोशल मीडिया के धुरंधर क्या कह और कर रहे हैं, सबको पता ही है. सवाल यह उठता है कि टीवी एकर्स और सोशल मीडिया के धुरंधर ऐसा क्यों कर रहे हैं. किसी कहने पर कर रहे हैं. भारत सरकार इन पर रोक क्यों नहीं लगाती. इन सब सवालों का जवाब यह है कि ये सब मिलकर असल सवाल से लोगों को अलग कर रहे हैं. असल सवाल से ध्यान भटका रहे हैं. ये लोग नहीं चाहते कि देश यह पूछे कि पहलगाम की घटना किसी गलती से हुई. किसकी जिम्मेदारी थी. उन्हें क्या सजा मिली. उस घटना में शामिल आतंकियों की पहचान हुई या नहीं. मारे गए या नहीं. सीज फायर को लेकर अमेरिका क्यों बयानबाजी कर रहा है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं. इन्हीं सवालों और असली मुद्दों को गायब करने में लगे हैं ये टीवी एकर्स और सोशल मीडिया के धुरंधर और हिसार पुलिस के मुताबिक देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले.