Dhanbad : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि [ BBMKU ] में सब कुछ ठीक नहीं है. शिक्षकों के दो गुट बन गए हैं. एक प्रभारी कुलपति के साथ है, वहीं दूसरा गुट प्रभारी कुलपति की आलोचना कर रहा है. इससे कहीं न कहीं BBMKU के कामकाज पर प्रभाव पड़ रहा है.
विश्वविद्यालय की साख को नुकसान
शिक्षकों के संगठन बीबीएमक्यूटा के प्रवक्ता जितेन्द्र आर्यन के बयान पर गौर करें. आर्यन का कहना है कि कुलपति विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ निर्णय लए रहे हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय की साख को नुकसान पहुंच रहा है. दूसरे गुट का कहना है कि आरोप लगाने वाले शिक्षक विश्वविद्यालय के कार्य में गैरजरूरी दखल दे रहे हैं. आरोप-प्रति आरोप के पीछे भी कहानी है. आरोप लगाने वाले शिक्षकों का विश्वविद्यालय प्रशासन में कोई दखल नहीं है, जबकि दूसरे गुट के कुछ शिक्षकों को विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण दायित्व मिला हुआ है और वे विश्वविद्यालय द्वारा लिए जा रहे निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन सब के बीच प्रभारी कुलपति का कहना है कि उनके पास अस्थाई दायित्व है. वे BBMKU पर बहुत ध्यान नहीं दे पाते हैं.
पीजीआरसी को लेकर विवाद
शिक्षकों के बीच मनमुटाव का एक और कारण है. यह है पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च काउंसिल का गठन. बीबीएमक्यूटा का कहना है कि पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च काउंसिल [पीजीआरसी] में वही शिक्षक सदस्य बन सकते हैं, जिनके पास पीएचडी की डिग्री हो. नई कमेटी में कुछ ऐसे शिक्षकों को शामिल किया गया है, जो पीएचडी होल्डर नहीं हैं. बीबीएमकेयू टीचर एसोसिएशन के प्रवक्ता जितेंद्र आर्यन का कहना है कि रिसर्च सेल का को-ऑर्डिनेटर डॉ कृष्ण मुरारी सिंह को बनाया गया है. श्री सिंह 2008 बैच के हैं और 1996 बैच की डॉ ललिता कुमारी को मेंबर बनाया गया है. यह उचित नहीं है. इसी कारण अंग्रेजी विभाग के शिक्षक डॉ हिमांशु शेखर चौधरी ने इस्तीफा दिया है.
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