आरोप है कि अडानी ने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देकर गलत जानकारी दी, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों से पैसा जुटाया जा सके.
Lagatar News Network
संयुक्त राज्य अमेरिका की अदालत भारत के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी और उनके 7 सहयोगियों पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप में कार्रवाई कर रहा है. इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने सरकार से अनुबंध हासिल करने के लिए एक व्यापक योजना बनाई, जिसका लक्ष्य अरबों डॉलर के सौदों पर कब्जा करना था.
आरोपों के अनुसार, गौतम अडानी, सागर आर अडानी और वनीत एस जैन ने अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से पूंजी जुटाने के दौरान इस रिश्वतखोरी की योजना के संबंध में भ्रामक जानकारियां दीं. अडानी ग्रुप पर आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को 20 अरब रूपये की रिश्वत दी.
जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच, विभिन्न राज्यों जैसे ओडिशा, जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों ने SECI के साथ निर्माण-संबंधी परियोजनाओं के तहत बिजली खरीद समझौतों (PSAs) पर हस्ताक्षर किए. विशेष रूप से, आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों ने 1 दिसंबर 2021 को SECI के साथ एक अनुबंध किया, जिसके अनुसार राज्य ने लगभग सात गीगावॉट सौर ऊर्जा खरीदने की सहमति दी, जो कि भारत में किसी भी अन्य राज्य के मुकाबले सबसे बड़ा आंकड़ा है.
आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि अडानी और अन्य आरोपितों ने मिलकर सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई, जिससे कि भारतीय बिजली वितरण कंपनियाँ SECI के साथ अनुबंधों कर सकें. इस प्रकार, भारतीय ऊर्जा कंपनियों और उनके सहायक कंपनियों के लिए व्यापारिक अवसर प्राप्त करना आसान हो गया.
यह मामला न केवल भारत में ऊर्जा क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है, बल्कि इससे अडानी समूह की प्रतिष्ठा और व्यापारिक रणनीतियों पर भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं. न्याय विभाग की इस कार्रवाई ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कॉर्पोरेट नैतिकता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं.