Hazaribagh: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बीते दिन आयोजित झारखंड सरकार की कैबिनेट की बैठक में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षकेत्तरों एवं पदाधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय पारित किया था. जिसका विनोबा भावे विश्वविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षकों ने पुरजोर स्वागत किया. गुरुवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय में एवं अलग-अलग महाविद्यालय में शिक्षक एकत्र होकर एक स्वर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. ज्ञात हो कि शिक्षक लंबे समय से नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे थे. इस संबंध में शिक्षकों ने सरकार से कई बार पत्राचार किया था तथा सरकार के आला अधिकारियों से मिलकर भी अपनी बात रखी थी. हाल ही में तीन से पांच अगस्त को शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में पदोन्नति तथा पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन किया था. 6 अगस्त को विश्वविद्यालय मुख्यालय में दिन भर का धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था. 2004 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने नई पेंशन योजना घोषित की थी, जिसके प्रावधान भी स्पष्ट नहीं थे. इससे स्थिति यह बन गई थी कि 2004 के बाद नियुक्त सरकारी सेवा एक प्रकार से पेंशनविहीन हो गई थी. सभी स्तर पर इसका विरोध किया जा रहा था. हेमंत सोरेन ने 2019 के चुनाव से पूर्व सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का आश्वासन दिया था. आगामी विधानसभा चुनाव पहले सरकारी सेवकों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर साथी भी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे थे. 7 अगस्त की कैबिनेट मीटिंग में लिए गए प्रस्ताव ने सारी आशंकाओं को समाप्त करते हुए 2004 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देना सुनिश्चित किया है. निर्णय का जोर-शोर से स्वागत किया जा रहा है एवं हेमंत सोरेन सरकार पर विश्वास और आस्था व्यक्त किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें - बंगाल">https://lagatar.in/former-bengal-cm-budhadev-bhattacharya-passed-away-was-ill-for-a-long-time/">बंगाल
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हजारीबाग: विभावि ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने का किया स्वागत
