- Vinit Upadhyay
Ranchi : निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम और उसके परिजनों ने टेंडर मैनेज करने के लिए रिश्वत के रूप में मिले पैसों से खूब ऐश किया है. यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अब तक की जांच में सामने आई है. वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी ने रांची में कुलदीप संस से 1 लाख 48 हजार रुपए की राडो घड़ी अपने लिए खरीदी थी, जिसका कैश में भुगतान किया गया था. इतना ही नहीं दिल्ली में खरीदी गई प्रॉपर्टी के लिए वीरेंद्र राम और उसका रिश्तेदार आलोक रंजन कैश लेकर ट्रेन से जाते थे. एक बार करीब तीन करोड़ रुपए फॉर्च्यूनर से बबलू सिंह नाम का व्यक्ति लेकर गया था. यह बात वीरेंद्र राम के व्हाट्सप चैट से सामने आई है. इतना ही नहीं दिल्ली के चार्टर्ड एकाउंटेंट मुकेश मित्तल वीरेंद्र राम की काली कमाई को सफेद बनाने में उसका सहयोग करते थे. रवि वाधवानी नाम के एक हवाला कारोबारी के जरिये करोड़ों रुपए के कैश का लेनदेन होता था.
125 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की
ईडी इसी वर्ष 14 अप्रैल को टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की संपत्ति जब्त कर चुकी है. ईडी ने वीरेंद्र राम की अस्थायी रूप से 39.28 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया है. ये संपत्ति वीरेंद्र राम और उनके परिवार के सदस्यों की हैं. जिन संपत्तियों को ईडी ने जब्त किया है, उनमें फार्म हाउस, फ्लैट, डुप्लेक्स बंगला, दिल्ली, जमशेदपुर और रांची में जमीन और करीब 36 लाख रुपये के सामूहिक बैलेंस वाले तीन बैंक खाते शामिल हैं. वीरेंद्र राम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 125 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है. इसका खुलासा वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान हुआ था. छापेमारी में पता चला था कि उसने टेंडर कमीशन घोटाले में अकूत संपत्ति बनायी है.
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