LagatarDesk: भारत में हर वर्ष 24 दिसंबर को नेशनल कंज्यूमर डे यानी राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है. देश में 1986 में उपभोक्ता अधिनियम पहली बार लागू किया गया था. साल 1991 और 1993 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था.साल 2000 में पहली बार इसे भारत में मनाया गया था. दुनिया भर में उपभोक्ताओं को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए वर्ष 2003 से प्रतिवर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है.
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केंद्र सरकार ने इस साल किये कई अहम बदलाव
इस साल जुलाई में केंद्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 के नये E-Commerce नियम लागू किया है. इस नियम को लागू करने का कारण तेजी से बढ़ रहे Online Shopping का क्रेज है, क्योंकि Online Shopping को लेकर आये दिन कई धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं.
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क्या हैं उपभोक्ता के अधिकार
- सुरक्षा का अधिकार
- सूचना पाने का अधिकार
- चयन का अधिकार
- सुनवाई का अधिकार
- निवारण का अधिकार
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
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ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के लिए है सख्त प्रावधान
- यह नियम Amazon, Flipkart, Myntra और Snapdeal जैसे E-Commerce साइट्स पर लागू होगा. नये नियमों के अनुसार, मिलावटी और नकली सामान बेचनेवाले पर सख्त प्रावधान है.
- नियमों के मुताबिक कंपनी को प्रोडक्ट के मैन्युफैक्चर होने से लेकर उसकी वारंटी, गारंटी, एक्सपायरी डेट और कस्टमर केयर नंबर तक की जानकारी देनी होगी.
- अगर सरकार द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया, तो उसमें नकली और मिलावटी सामान बेचनेवाले को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
- सरकार ने इस नियम के तहत ऑनलाइन रिटेलर्स को रिटर्न, रिफंड प्रॉसेस आसान की गई है.
- ई-कॉमर्स नियम उन सभी E-Retailers पर लागू होंगे, जो भारतीय कंज्यूमर्स को प्रोडक्ट और सर्विस दे रहे हैं.
- कंज्यूमर को ये भी बताना होगा कि किसी प्रोडक्ट में शिकायत होने पर आप कैसे शिकायत कर सकते हैं.
- शिकायत पर क्या एक्शन लिया गया है, इसके अपडेट की भी जानकारी कस्टमर को देनी होगी.
- आपका पेमेंट कितना भरोसेमंद है इस बात की भी जानकारी आपको कंज्यूमर को देनी होगी.
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अगर आपको हुआ है नुकसान तो कर सकते हैं शिकायत
किसी व्यापारी के कारण यदि उपभोक्ता को नुकसान हुआ है, सामान में यदि कोई खराबी है, भुगतान के आधार पर ली गई सेवाओं में कमी है अथवा दुकानदार ने आपसे MRP से अधिक मूल्य लिया है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा अगर किसी कानून का उल्लंघन करते हुए मानव जीवन तथा सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करनेवाला सामान जनता को बेचा जा रहा है, तो इसकी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है.
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शिकायत कहां की जाये
शिकायत कहां करें, यह सामान की क्षतिपूर्ति अथवा सेवाओं की लागत पर निर्भर करता है. अगर यह राशि 20 लाख रुपये से कम है, तो जिला फोरम में शिकायत की जा सकती है. 20 लाख से अधिक लेकिन एक करोड़ से कम की राशि के मामले में राज्य आयोग तथा एक करोड़ रुपये से अधिक के मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के सामने शिकायत दर्ज करायी दजा सकती है. आयोग की वेबसाइट www.fcamin.nic.in पर सभी जानकारी उपलब्ध है.
शिकायत कैसे करें
शिकायत सादे कागज पर की जा सकती है. शिकायत में शिकायतकर्ता तथा विरोधी पार्टी का नाम एवं पता, शिकायत से संबंधित तथ्य एवं खरीदारी या सेवाओं से संबंधित पूरी जानकारी, आरोपों के समर्थन में दस्तावेज और प्रामाणिक एजेंट के हस्ताक्षर होने चाहिए. शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी वकील की जरूरत नहीं पड़ती. न्यायालय शुल्क भी नाममात्र का लिया जाता है.