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देखें वीडियो, कैसे अपनों को तड़पता देख आक्रोशित हुए तीमारदार,लगातार टीम को देखते ही बिफर पड़े

Ranchi : विभागीय मंत्री के लाख दावों के बावजूद भी व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. स्वास्थ्य मंत्री अपने अवाम को बचाने के लिए मैराथन बैठक कर रहे हैं. व्यवस्था में बदलाव को लेकर निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन इन सब के बीच हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. lagatar.in">https://lagatar.in/">lagatar.in

संवाददाता जब रिम्स के कोविड वार्ड से गुजर रहे थे, तब मरीज के परिजन की आस जगी. उन्हें लगा कि कोई रहनुमा है, जो उसकी मदद करेगा.
हम अपना काम बखुबी निभा रहे हैं.

इस सिस्टम की खामियों को अपने कैमरे और कलम से हुक्मरानों तक पहुंचा रहे हैं. लेकिन इस महामारी के सामने सिस्टम बौना साबित हो गया है. व्यवस्था चरमराती जा रही है. वहीं मंत्री और अधिकारी बयानबाजी कर रहे हैं.

डॉक्टर बोले खुद कीजिये ऑक्सीजन का इंतजाम

13 अप्रैल को रिम्स के सर्जरी C1 में भर्ती 48 साल की रीना देवी के परिजन भी यहां की व्यवस्था से अब हर चुके हैं. मरीज के परिजन करन ने कहा कि रिम्स में 13 अप्रैल को मेडिसिन विभाग में डॉ सीबी शर्मा के देखरेख में इन्हें भर्ती किया गया था. 14 को कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया और 15 अप्रैल को कोरोना का रिपॉर्ट पॉजिटिव आया. मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा है.

डॉक्टरों से ऑक्सीजन के लिए आरजू मिन्नत करते रहे, लेकिन कहा गया कि ऑक्सीजन की व्यवस्था आप खुद से कीजिये. बड़ी मिन्नतें करने के बाद किसी तरह से रिम्स के ट्रॉमा से HNFC मशीन ला कर दिया गया. लेकिन इसका कनेक्टर काम नहीं कर रहा है. अपने आंखों के सामने अपने मरीज की खराब हालत होता देख करन ने अपने मोबाइल से वीडियो बना कर लगातार.इन">https://lagatar.in/">लगातार.इन

संवाददाता को दिया.

जब रिम्स कोविड वार्ड के बाहर परिजनों का आक्रोश फूटा

दरसअल रिम्स के कोविड वार्ड में भर्ती मरीज रामजतन पांडेय के परिजन प्रमोद कुमार पांडेय का आक्रोश फूट पड़ा. वार्ड से बाहर निकल कर प्रमोद अस्पताल की कुव्यवस्था को लेकर अपना रोष जाहिर किया. प्रमोद कहने लगे कि मेरे पिता अंतिम सांसे ले रहे हैं. लेकिन कोई डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आया है. नर्स अपना काम तो कर रही है. लेकिन उनसे ये स्थिति संभालती नहीं है. दरसअल रामजतन पांडेय पुलिस विभाग में सेवा देने के बाद अब रिटायर हो चुके हैं. कोरोना संकम्रित हैं और पिछले एक सप्ताह से रिम्स में भर्ती हैं. अपने पिता के जीने की उम्मीद लेकर आये प्रमोद की उम्मीद अब टूटने लगी है. सांस खत्म हो रहा है और आस छूटने लगी है.

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