NISHANT BHUWANIKA
Ranchi: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की इमरजेंसी को मात्र दो नर्सों द्वारा संचालित किया जाता है. यह बात सुनने में जरूर अजीब लगती है, लेकिन यह सच है. बता दें कि मीडिया के हवाले से अगर ये सूचना चलायी जाती तो रिम्स प्रबंधन इस बात को मानने के लिए कभी तैयार नहीं होता. लेकिन ये बात कल रिम्स के जिम्मवेवारों के सामने ही निकलकर आयी है. मालूम हो कि कल रिम्स में दिन काफी हंगामे वाला रहा. पहले तो रिम्स के जेडीए के सदस्य डाक्टर काम पर लौटे. उसके बाद नवजात की मौत का मामला भी खूब चर्चा में रहा.लेकिन इस सबसे अलग कल जब रिम्स अधीक्षक डॉ. डीके सिन्हा ने उपाधीक्षक के साथ इमरजेंसी और ओपीडी व्यवस्था का निरीक्षण किया तो और भी ज्यादा शर्मानाक चीजें सामने आयी. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की इमरजेंसी मात्र दो नर्सों द्वारा संचालित की जा रही है.
ये भी थी कई खामियां
रिम्स अधीक्षक डॉ. डीके सिन्हा व उपाधीक्षक के निरीक्षण के दौरान और भी कई खामियां सामने आयीं. रिम्स के पहले तल्ले के ओपीडी के पास सीढ़ी के नीचे दो मरीज कर्राहते हुए दिखायी दिये, जिनकी सूध लेने वाला कोई नहीं था. जिसके बाद अधीक्षक ने तत्काल हेड मेड को मरीजों के लिए समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही इमरजेंसी में डॉक्टर भी मौजूद नहीं थे जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी.
कुव्यवस्था से नाराज अधिक्षक बोले
कुव्यवस्था से नाराज होकर अधीक्षक डॉ डीके सिंहा ने कहा कि गुरुवार से अगर वक्त पर डॉक्टर मौजूद नहीं रहेंगे तो उन्हें अनुपस्थित करार देते हुए कार्रवाई की जाएगी.साथ ही मरीज के इलाज में लापरवाही होने पर संबधित डाक्टरों पर भी उचित कार्रवाई की जाएगी-