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झारखंड भाजपा के डेढ़ दर्जन नेताओं को बोर्ड निगमों में पद देने के पीछे की क्या है वजह

Satya Sharan Mishra Ranchi: झारखंड बीजेपी के नेता केंद्रीय बोर्ड, निगम और आयोगों में दनादन शिफ्ट किये जा रहे हैं. पिछले 6 महीने में प्रदेश बीजेपी के डेढ़ दर्जन से ज्यादा नेता केंद्र सरकार के उपक्रमों में डायरेक्टर से लेकर सदस्य तक बनाये गये हैं. इनमें अधिकांश वैसे नेता हैं, जो पहले से ही संगठन में किसी पद पर काबिज हैं. जबकि कई ऐसे नेता भी हैं, जो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में टिकट के लिए प्रबल दावेदारी पेश कर चुके हैं. आशा लकड़ा पहले से ही रांची नगर निगम में मेयर के पद पर हैं. इसी बीच उन्हें महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल का नॉन ऑफिशियल पार्ट टाइम डायरेक्टर नियुक्त कर दिया गया है. राष्ट्रपति की स्वीकृति से उनकी नियुक्ति 3 सालों के लिए की गई है. गौरतलब है कि आशा लकड़ा लोहरदगा लोकसभा और गुमला विधानसभा क्षेत्र में अपनी पकड़ बना रही हैं. इन सीटों पर वो अपनी दावेदारी पेश कर सकती हैं. इससे पहले ही उन्हें एक साथ दो-दो पद दे दिया गया है. बता दें कि इससे पहले सीमा शर्मा को एमसीएल का डायरेक्टर बनाया गया था. सीमा शर्मा हटिया विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट की दावेदार थीं, जबकि बीजेपी ने वह सीट नवीन जायसवाल के कमिट कर दिया था. ऐसे में सीमा शर्मा को एमसीएल डायरेक्टर बनाकर कलह और बगावत का झंझट खत्म किया था. इसे भी पढ़ें - जहां">https://lagatar.in/where-the-cid-is-investigating-coal-smuggling-illegal-coal-business-is-happening-indiscriminately/">जहां

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अरुण उरांव को सिसई से साइड करने की कोशिश !

वहीं कांग्रेस से बीजेपी में आये पूर्व आईजी अरूण उरांव को भी कोल इंडिया में नन ऑफिशियल पार्ट टाइम डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद रहने के बाद भी उन्हें कोल इंडिया में शिफ्ट किया गया. 2019 के चुनाव से पहले अरुण उरांव टिकट की आस में बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था. इस बार वे सिसई विधानसभा सीट से अपनी प्रबल दावेदारी पेश कर सकते हैं. जबकि बीजेपी सिसई में अरुण उरांव से ज्यादा पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव पर भरोसा कर रही है. अरूण उरांव और आशा लकड़ा लोहरदगा लोकसभा के लिए दावेदारी पेश कर सकते हैं, जबकि बीजेपी इस बार लोहरदगा सीट पर समीर उरांव पर दांव खेलने की तैयारी में है. समीर उरांव एक साल में मजबूत आदिवासी नेता के तौर पर उभरे हैं. पहले राज्यसभा सांसद और फिर बीजेपी एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. ऐसे में इस सीट पर बीजेपी कोई किचकिच नहीं चाहती.

क्या खिजरी में आरती कुजूर पर दांव खेलेगी बीजेपी ?

खिजरी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रामकुमार पाहन को रेलवे बोर्ड की जन सुविधा समिति का सदस्य बनाया गया है. पिछले विधानसभा चुनाव में रामकुमार पाहन कांग्रेस प्रत्याशी राजेश कच्छप से चुनाव हार गये थे. खिजरी सीट पर रामकुमार की पकड़ कमजोर हुई और उधर बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर ने इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी. संभव है कि बीजेपी इस बार खिजरी में आरती कुजूर पर दांव खेले. यही वजह है कि रामकुमार पाहन को प्रदेश एसटी मोर्चा का प्रभारी पद के साथ-साथ रेलवे बोर्ड की जन सुविधा समिति का सदस्य बना दिया गया.

विमला पर मेहरबानी पार्टी का पश्चाताप या फिर कटेगा टिकट

झारखंड सरकार में पूर्व मंत्री और सिमडेगा की पूर्व विधायक विमला प्रधान को केंद्र सरकार के हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड का इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विमला प्रधान का टिकट काटकर श्रद्धानंद बेसरा को दे दिया था. लेकिन श्रद्धानंद कांग्रेस के भूषण बाड़ा से चुनाव हार गये. अब बीजेपी ने पश्चाताप स्वरूप विमला को हिंदुस्तान पेट्रोलियम में डायरेक्ट बनाया या फिर 2024 में फिर से उन्हें चुनाव से बैठाने के लिए नजरें इनायत की है, यह चुनाव के समय ही पता चलेगा.

गुरविंदर को पद मिलने से बीजेपी नेताओं में नाराजगी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता गुरविंदर सिंह सेठी को रेलवे उपभोक्ता सेवा बोर्ड में सदस्य बनाया गया है. गुरविंदर बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. इससे पहले वे दो बार राज्य अल्पसंख्यक आयोग में उपाध्यक्ष पद पर रह चुके हैं. गुरविंदर चुनाव में टिकट के दावेदार नहीं हैं, लेकिन सीनियर लीडर होने के नाते उन्हें यह पद मिला, लेकिन इससे बीजेपी के अल्पसंख्य प्रकोष्ठ के नेताओं में काफी नाराजगी है. एक नेता ने कहा कि पार्टी में कई सीनियर लीडर्स हैं, जिन्हें कभी संगठन में पद नहीं मिला. क्या प्रदेश नेतृत्व उनके नाम की अनुशंसा नहीं कर सकता था.

संगठन में पद के साथ FCI सलाहकार समिति में सदस्य का भी पद

झारखंड के बीजेपी नेताओं को केंद्रीय खाद्य आपूर्ति सलाहकार समिति में सदस्य बनाया गया है. इसमें प्रदेश मंत्री काजल प्रधान और पूर्व महानगर अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह शामिल हैं. जबकि पलामू से विजयानंद पाठक, देवघर से ममता गुप्ता, गोड्डा से चक्रधर यादव, चतरा से जुगल किशोर खंडेलवाल, पाकुड़ से अनुग्रहित प्रसाद साहा, रामगढ़ से प्रकाश मिश्रा और बिशुनपुर से भिखारी भगत इस समिति में शामिल हैं. इनमें से अधिकांश नेता संगठन में पहले से ही किसी न किसी पद पर मौजूद थे.

कभी भी फूट सकता है कार्यकर्ताओं का आक्रोश

केंद्र सरकार के उपक्रमों में बीजेपी नेताओं को शिफ्ट किये जाने के बाद पार्टी के अंदर असंतोष पैदा हो रहा है. खास कर जिन नेताओं को संगठन में बड़े पद के साथ केंद्र सरकार के उपक्रम में पद मिला है, उनका अंदरखाने विरोध हो रहा है. यह विरोध अभी सतह पर नहीं आया है, लेकिन आग अंदर-अंदर सुलग रही है. प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ नेताओं और कार्यकर्ताओं में पैदा हो रहा यह असंतोष जल्द ही फूटने के आसार लग रहे हैं. इसे भी पढ़ें – एयर">https://lagatar.in/air-asia-india-will-be-merged-with-air-india-express-tata-sons-starts-merger-work/">एयर

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