
कैसा है यह संस्कार?

Sri Nivas 21 मई. यानी कल राजीव गांधी की पुण्यतिथि थी. हमारे मन में इस आदमी के प्रति कभी बहुत सम्मान का भाव नहीं रहा. इस कारण उनके निधन की तारीख याद भी नहीं रहती. महज इंदिरा गांधी का पुत्र होने के कारण उनको प्रधानमंत्री बना दिये जाने को राजनीति में वंशवाद की परंपरा स्थापित करने का निंदनीय उदाहरण भी मानते रहे. प्रधानमंत्री बनते ही, श्रीमती इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या के बात भड़की सिख विरोधी हिंसा में केंद्र सरकार की भूमिका और खुद राजीव गांधी का बयान- कि ‘बड़े पेड़ गिरते हैं, तो धरती हिलती ही है’ बेहद आपत्तिजनक लगा था. फिर भी बाद में ऐसा लगता था कि यह आदमी देश के लिए कुछ करना चाहता है! उनके अनेक फैसलों से असहमति भी रही, मगर पंजाब और उत्तर-पूर्व में शांति बहाल करने की दिशा में उन्होंने कुछ अच्छी पहल भी की. पंचायतों को अधिक अधिकार देने और उनमें महिलाओं को आरक्षण देने की पहल भी उनके शासन काल में हुई थी. वे राजनीति में शालीनता और उदारता के भी उदाहरण साबित हुए. इस सबका एक चर्चित प्रकरण है कि जब उनको अटल बिहारी वाजपेई की किसी गंभीर बीमारी का पता चला, तो उन्हें एक प्रतिनिधिमंडल का सदस्य बना कर अमेरिका जाने का अवसर दिया, जहां उनका इलाज संभव हो सका. यह जानकारी बाद में खुद वाजपेई जी ने दी. 21 मई, 1991 को हुई उनकी हत्या से मन व्यथित हो गया था! एक संभावनापूर्ण अपेक्षाकृत युवा नेता की ऐसी मौत! वैसे शायद यह उनके एक विवादास्पद (श्रीलंका संबंधी) फैसले का ही नतीजा था, फिर भी वह कोई निजी और अपने स्वार्थ में लिया गया फैसला तो नहीं ही था. मगर खबरों के मुताबिक कल (21 मई) को कुछ टुटपुंजिये ‘भक्तों’ ने उस परिवार से अपनी शाश्वत घृणा का जो प्रदर्शन किया, वह बताता है कि देश किस दिशा में जा रहा है. कल राहुल गांधी जब अपने पिता की समाधि पर गये, तो एक फूल उठा कर अपनी जेब में रख लिया. इसे कोई भी एक पुत्र का पिता से सहज लगाव के रूप में देखेगा, मगर सोशल मीडिया पर इसे राहुल गांधी द्वारा ‘फूल चुराना’ कहा गया! प्रियंका गांधी के बारे में भी कुछ अनर्गल लिखा गया. भाजपा के प्रवक्ता न्यूज चैनलों पर आकर सोनिया गांधी के लिए `बार बाला` जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं. खुद को `युगपुरुष` और सोनिया गांधी को `कांग्रेस की जर्सी गाय` और `कांग्रेस की विधवा` और राहुल गांधी के लिए `बैल बुद्धि बालक` जैसे विशेषणों का प्रयोग कर चुके हैं! इतनी नफरत! कैसा है और कहां से मिला है यह संस्कार!