Ranchi: झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. कहा कि 2024 निर्णायक वर्ष है. लोकतंत्र के त्योहार के लिए विशेष है. सरकार से लोगों की आकांक्षाएं हैं, उसके अनुरूप योजनाओं पर काम हो रहा है. आम जनता को परेशानी नहीं हो, इसके लिए सरकार दो बार लोगों के साथ सीधे संवाद से जुड़ी. इससे भी हमारे प्रतिद्वंदी दल को परेशानी है. जबकि मतदान के आधार पर हेमंत सरकार का चुनाव जनता ने किया. वर्ष 2019 हेमंत सरकार का गठन हुआ. उक्त बातें सुप्रियो ने शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पीसी कर कही.
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सुप्रियो ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का गठन 1951 में हुआ. पंचायत से राज्य और देश स्तर पर चुनाव कराने की नियमावली बनी. कैसे चुनाव होगा, इसकी जिम्मेवारी निर्वाचन आयोग को सौंपी गई. उसी आयोग ने झारखंड में भी चुनाव कराया. उसी आधार पर यहां हेमंत सरकार का गठन हुआ. सरकार बनने के कुछ ही दिनों के बाद कोरोना महामारी की वजह से राज्य प्रभावित हुआ. सरकार कोरोना महामारी की परेशानी से भी सफलतापूर्वक निकल गई. इसके बाद सरकार जनता से सीधे जुड़ी. इससे हमारे जो प्रमुख प्रतिद्वंदी दल है, यहां पर उसे यह रास नहीं आया.
सुप्रियो ने कहा कि सरकार गिराने वाली प्रक्रिया कर्नाटक से शुरू हुई, जो झारखंड में प्रयोग में लाया गया. मगर प्रतिद्वंदी दल को सफलता नहीं मिली. तब एक नई पटकथा लिखी गई. उसपर काम शुरू हुआ, आज भी लोग लगे हुए हैं. जनता को भ्रम में डालने का प्रयास किया जा रहा है. मगर इस काम में भी बिजेपी सफल नहीं हो सकी. हेमंत सरकार आज भी काम कर रही है.
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सुप्रियो ने कहा, बीजेपी नहीं चाहती कि प्रदेश के आदिवासी, अल्पसंख्यक दलितों के बच्चे विदेश में जाकर पढ़ें. हेमंत सरकार जब हर क्षेत्र में बेहतर करने लगी, तो इन लोगों की परेशानी और बढ़ गई. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रवचन देने लगे. जानकारी के अभाव में कुछ भी बोलने लगे. बीजेपी को विश्वास है कि निर्वाचन आयोग उनका है. तभी तो बीजेपी ने 2019 में चुनाव के चरण और तिथि तक की जानकारी उपलब्ध करा दी थी.
उन्होंने कहा भाजपा के सांसद जिस महाराष्ट्र की बात कर रहे हैं, उसकी पूरी जानकारी उनके पास नहीं है. पुणे में चुनाव इसलिए रोक दिया गया, क्योंकि वहां उपचुनाव में बीजेपी हार रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोकतंत्र को चलाने के लिए सदन में सदस्यों का होना जरूरी हैं. आगे मई का महीना आ रहा है, जवाब देने के लिए लोग तैयार हैं. राजनीति में व्यक्तिगत लड़ाई नहीं होनी चाहिए. मगर बीजेपी इस राज्य में यही करती आ रही है. इसलिए झारखंड की राजनीति में ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं.
सुप्रियो ने कहा कि वर्तमान सरकार बेहतर काम कर रही है, हर क्षेत्र में काम हो रहा है. इस सरकार ने दो साल में तीन जेपीएससी परीक्षाओं का सफल आयोजन कराया. युवाओं को रोजगार मिला. आगे भी सरकार रोजगार मुहैया कराने के लिए काम करती रहेगी.
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्यपाल पर निर्भर होता है कि कोई व्यक्ति को बुलाए और शपथ ग्रहण कराये, उसके छह माह के भीतर विधानसभा से चुनकर आना होगा. भ्रम की स्थिति न पैदा हो इसलिए हम सभी ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात की, और गांडेय में उपचुनाव कराने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल के मुताबिक, गैर बीजेपी शासित राज्यों को परेशान करने का काम किया जा रहा है. इसके कई उदाहरण सबके सामने हैं. बीजेपी जांच एजेंसियों को लगाकर परेशान करने का काम कर रही है. जहां बीजेपी की सरकार है, वहां एजेंसियों को कोई मसला नहीं दिख रहा है. बंगाल, पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश में 36 जगहों पर ईडी ने पिछले दिनों कार्रवाई की, लेकिन कुछ नहीं मिला. प्रेस विज्ञप्ति में 36 लाख की रिकवरी दिखाई गई, लेकिन कहां से कितनी रिकवरी हुई, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी. इससे साफ हो जाता है कि कार्रवाई किसके इशारे पर चल रही है. इससे हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है.