LagatarDesk : थोक महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति में लगातार चौथे महीने वृद्धि हुई है. अप्रैल में महंगाई दर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है. थोक मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में बढ़कर 10.49 फीसदी रही. मार्च 2020 में थोक महंगाई दर 7.39 फीसदी था. वहीं अप्रैल 2020 में थोक महंगाई दर माइनस 1.57 फीसदी थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि मुख्य रूप से कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल जैसे खनिज तेलों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण यह अब तक के उच्चतम स्तर पहुंच गयी.
अप्रैल में खाद्य थोक महंगाई दर 7.58 फीसदी रही
महीने के आधार पर अप्रैल में खाद्य थोक महंगाई बढ़कर 7.58 फीसदी रही. जो मार्च 2021 में 5.28 फीसदी थी. वहीं अप्रैल में पेट्रोल के दाम में 42.37 फीसदी बढोतरी हुई है. डीजल के दाम में 33.82 फीसदी और रसोई गैस के दाम में 20.34 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई है. ईंधन और बिजली महंगाई दर अप्रैल में 20.94 फीसदी रही. मार्च में यह 10.25 फीसदी था.
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 4.92 फीसदी रही
अप्रैल में दालों की कीमतों में गिरावट देखने को मिली. इसके कारण दाल की महंगाई दर घटकर 10.74 फीसदी रही. मार्च में दाल की कीमतों के बढ़ने के कारण यह 13.14 फीसदी रही थी. इस दौरान अंडा, मांस और मछली जैसी प्रोटीन युक्त खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसलिए खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.92 फीसदी रही. हालांकि, सब्जियों की महंगाई दर माइनस 9.03 फीसदी रही. मार्च में यह 5.15 फीसदी थी. अप्रैल महीने में अंडा, मांस और मछली की कीमतें में 10.88 फीसदी की बढ़ोतरी रही. Manufactured Products की थोक महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 9.01 फीसदी पर आ गयी. वहीं फलों में यह 27.43 फीसदी रही.