Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में स्थापना के पहले साल से ही विवाद और मतभेद की कहानी शुरू हो गयी है. बाहर से देखा जाये, तो विश्वविद्यालय में सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा है, लेकिन सूत्रों की मानें, तो अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. विश्वविद्यालय में पैसों की कमी नहीं है और विकास के नाम पर उसे खर्च करने के नये-नये तरीके ढूंढे जा रहे हैं. इस पर नियमों का हवाला देने के कारण ही विश्वविद्यालय के प्रथम वित्त अधिकारी और कुलसचिव को वापस होना पड़ा. हालांकि वीमेंस यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ऐसा कुछ होने से इन्कार किया है.

इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा में ग्रामीण बच्चों ने साबित की प्रतिभा, जिले में डिंपी तिवारी अव्वल
क्या है मामला
कोल्हान विश्वविद्यालय से अलग होने के बाद जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी को एक फंड में 14 और एक फंड में 19 करोड़ रुपये मिले. निवर्तमान वित्त पदाधिकारी ने बैंक को कह कर दोनों फंड के खातों के संचालन पर रोक लगा दी थी. इस बीच विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने निवर्तमान कुलसचिव के पास निर्माण कार्य व कुछ खरीदारी से संबंधित फाइल भेजी. चूंकि फाइल में उस फंड से निर्माण व खरीदारी का प्रस्ताव दिया गया था, जिससे कर्मचारियों को भुगतान आदि किया जाता है. इस कारण कुलसचिव ने वह फाइल निवर्तमान वित्त पदाधिकारी के पास बढ़ा दी. वित्त पदाधिकारी ने इस पर आपत्ति जताते हुए फाइल लौटा दी. इस पर कुलपति ने वित्त पदाधिकारी को बुलाकर नाराजगी जतायी. इतना ही नहीं, सूत्र बताते हैं कि कुलपति के द्रारा उसके बाद भी इस तरह से दो-तीन फाइल भेजी गयी, लेकिन कुलसचिव ने ही उसे रोक दिया. इसकी परिणति यह हुई कि दोनों पदाधिकारियों को प्रभार से मुक्त होना पड़ा.
इसे भी पढ़ें : कोडरमा : सैनिक स्कूल तिलैया के छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा को मिलेगा ‘परम विशिष्ट सेवा मेडल’

जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के पूर्व व प्रथम वित्त पदाधिकारी डॉ पीके पानी तथा कुलसचिव डॉ प्रभात कुमार सिंह ने इस मामले में कुछ कहने से इन्कार किया. वहीं विश्वविद्यालय के मौजूदा कुलसचिव डॉ अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है. उक्त दोनों लोगों से कुलपति के स्वस्थ संबंध हैं. चूंकि डॉ पानी कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी हैं और डॉ प्रभात कुमार सिंह जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में सांख्यिकी के एकमात्र शिक्षक हैं, इसलिए इन दोनों लोगों की यहां स्थायी रूप से पदस्थापना नहीं की गयी थी. इस वजह से दोनों को यहां से वापस होना ही था.

