RANCHI : चतरा जिला के पिपरवार स्थित अशोका और पुरनाडीह कोल परियोजना और रांची के खलारी स्थित बलथरवा कोल परियोजना से टीपीसी को बिना लेवी दिये क्या कोयला का उठाव संभव होगा? गौरतलब है कि पिपरवार का परियोजना बंद हो गया है. अशोका और पुरनाडीह कोल परियोजना से हर माह 2 लाख टन से अधिक कोयला ट्रांसपोर्ट होता है. खलारी थाना क्षेत्र में बलथरवा कोल परियोजना है. इस परियोजना से हर माह करीब एक लाख टन कोयले की ट्रांसपोर्टिंग होती है.
उक्त सभी कोल परियोजनाओं से विस्थापित ग्रामीण संचालन समिति के नाम पर कोल व्यवसायी, डीओ होल्डर और ट्रांसपोर्टर से लेवी वसूलने का काम किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, चतरा का पिपरवार और रांची के खलारी थाना क्षेत्र स्थित कोल परियोजना से टीपीसी के उग्रवादी हर माह 6 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली कर रहे हैं. यह वसूली कमेटी के नाम पर की जा रही है.
विस्थापित ग्रामीण संचालन समिति के नाम पर TPC वसूल रहा लेवी
विस्थापन समिति और कोल फील्ड लोडर एसोसिएशन के नाम पर पिपरवार स्थित संचालित होने वाले अशोका और पुरनाडीह कोल परियोजना और खलारी स्थित बलथरवा कोल में टीपीसी उग्रवादियों के द्वारा वसूली का खेल चल रहा है.
टीपीसी के कमांडर ब्रजेश गंझू, आक्रमण और अन्य टीपीसी उग्रवादियों के संरक्षण में पिपरवार थाना क्षेत्र स्थित अशोका और पुरनाडीह कोल परियोजना में विस्थापित ग्रामीण संचालन समिति का गठन किया गया है. इसके नाम पर कोल ट्रांसपोर्टरों से प्रति टन 210 रुपये की वसूली की जा रही है.
इन बड़े TPC उग्रवादियों के संरक्षण में चलता है लेवी वसूली का खेल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिपरवार और पुरनाडीह कोल परियोजना में टीपीसी के ब्रजेश गंझू, भीखन गंझू, आक्रमण, आदेश गंझू, आजाद, सौरभ और मुकेश के संरक्षण में लेवी की वसूली का खेल चलता है. जानकारी के मुताबिक, अशोका कोल परियोजना से रोहन, नीरज और महेंद्र नाम के व्यक्ति के द्वारा कमेटी के जरिये वसूली की जा रही है. जबकि पुरनाडीह कोल परियोजना में बिगन, नरेश और विनय नाम के व्यक्ति के द्वारा वसूली की जा रही है. जबकि खलारी थाना क्षेत्र स्थित बलथरवा कोल परियोजना में राजकिशोर नाम के व्यक्ति के द्वारा वसूली की जा रही है.
अब भी लेवी वसूली में पुराने उग्रवादी सक्रिय
कोल परियोजना में लेवी वसूली करने वाले सीसीएल के अधिकारियों, मध्यस्थ सुभान मियां समेत कई उग्रवादियों की गिरफ्तारी एनआइए के द्वारा की गयी थी. लेकिन सूत्रों की मानें तो लेवी वसूली में अब भी वही लोग शामिल हैं, जो एनआइए के रडार पर रहे हैं.
एनआइए के फरार अभियुक्तों के परिजन ही अब भी कोल परियोजनाओं में सक्रिय हैं. गौरतलब है कि इस मामले में अबतक ब्रजेश गंझू, आक्रमण, भीखन गंझू, मुकेश गंझू समेत अन्य उग्रवादियों की तलाश एनआइए और राज्य पुलिस को है.