Akshay Kumar Jha
Ranchi : गोड्डा स्टेशन पर गुरुवार को कोरोना गाइडलाइन को साइडलाइन कर हंगामे की रेल चली. हमसफर एक्सप्रेस का राजनीतिक क्रेडिट हथियाने के चक्कर में सांसद निशिकांत दुबे और विधायक प्रदीप यादव ने एक दूसरे का गिरेबान धर लिया. उनकी देखादेखी बीजेपी और कांग्रेस के समर्थकों ने भी झकझूमर किया.
इस “खेला” का स्क्रीनप्ले करीब एक हफ्ता पहले से लिखा गया था. राइटर थे सांसद निशिकांत दुबे. दिल्ली में बैठ रिमोट से अपने संसदीय क्षेत्र को कंट्रोल करनेवाले सांसद निशिकांत पिछले करीब 10 दिनों से गोड्डा में ही जमे थे. उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बात का एलान किया था कि वह मधुपुर चुनाव तक फिलहाल यहीं रहेंगे. लेकिन उनके मन में हमसफर ट्रेन के उद्घाटन का मामला भी चल रहा था. रेलमंत्री पीयूष गोयल दिल्ली से ट्रेन को ऑनलाइन हरी झंडी दिखानेवाले थे. अब यह कोई गलती थी या राजनीतिक दबाव, रेलवे राज्य के मुख्यमंत्री को ही इस उद्घाटन समारोह का बुलावा भेजना भूल गया. रेलवे की इस गुस्ताखी पर राज्य सरकार की भौंहें तनी औऱ मुख्य सचिव ने रेलवे को एक चिट्ठी लिखकर नाराजगी का इजहार किया.
डीसी का रेड सिग्नल भी काम ना आया
सरकार के नाराजगी जताने के बाद ग्राउंड जीरो पर रेलवे को हैसियत बताने का समय था. जिला प्रशासन ने रेलवे को पत्र लिख कर चेताया कि ट्रेन के उद्घाटन के वक्त कोई समारोह न हो. हुआ तो रेलवे जिम्मेवार होगा. गोड्डा डीसी भोर सिंह यादव भी एक बार रांची वाले एक्शन अवतार में नजर आये. उन्होंने गोड्डा स्टेशन जाकर बीजेपी द्वारा बनवाये जा रहे पंडाल का बंबू-कनात उखड़वा दिया. बीजेपी ने ट्रेन चलने की खुशी में बांटने के लिए 21 क्विंटल लड्डू बनवा रखे थे. ये लड्डू क्रेडिट लेनेवाले लोगों के मन में ही फूट कर रह गये. किसी के हाथ नहीं लग पाये.
लड्डुओं की बर्बादी पर सांसद निशिकांत दुबे सोशल मीडिया पर लाल-पीले भी हुए. लेकिन अंत में वह सब हुआ, जिसकी कानूनी रूप से मनाही थी. गोड्डा प्रशासन अपनी चेतावनी की धज्जियां उड़ाने वाले इस तमाशे को देखने के सिवा कुछ नहीं कर पाया.
क्या नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई
छह अप्रैल को सीएम की अध्यक्षता में एक हाईलेवल मीटिंग के बाद कोरोना को लेकर नयी गाइडलाइन जारी की गयी थी. इसमें सभा-समारोह पर रोक लगाने की घोषणा थी. शुक्रवार से पहले गोड्डा उपायुक्त भी इस गाइडलाइन का हवाला दे रहे थे. मंत्री, विधायक और सांसदों और उनके समर्थकों ने गाइडलाइन की ऐसी-तैसी कर डाली. मंत्री चंपई सोरेन, विधायक प्रदीप यादव और दीपिका पांडे सिंह अपने दर्जनों समर्थक के साथ गोड्डा स्टेशन पहुंच गये. निशिकांत दुबे पहले से ही सैकड़ों समर्थक के साथ डटे हुए थे. भीड़ में किसी ने मास्क नहीं पहना था. इधर जिला प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में फेल रहा, उधर कानून बनाने वाले सांसद और विधायक खुद ही फिजिकल कांटैक्ट पर उतारू हो गये.
अब सवाल यह है कि क्या गोड्डा डीसी भोर सिंह यादव कोरोना गाइडलाइन तोड़ने के आरोप में किसी “माननीय” पर कार्रवाई करेंगे. क्या रेलवे के खिलाफ कोई एक्शन लिया जायेगा, जैसा कि उन्होंने अपने पत्र में लिखा था. या फिर हमेशा की तरह बात आयी-गयी हो जायेगी.
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