जमशेदपुर प्रखंड के ब्यांगविल पंचायत की महिलाएं आज भी खुले में जाती हैं शौच करने

Jamshedpur : जमशेदपुर प्रखंड के 55 पंचायतों के विकास के लिए सरकार प्रत्येक वर्ष साढ़े पांच करोड़ रुपए खर्च करती है. लेकिन अभी भी कई पंचायतों में लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसा ही मामला जमशेदपुर प्रखंड के ब्यांगविल पंचायत में सामने आया है. एक पंचायत में सरकार 10 लाख रुपए खर्च करती है. जहां आज भी लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी नसीब नहीं हो रहा है. यहां के घरों में शौचालय नहीं है. पंचायत के कई गांवों में जाने के लिए संपर्क पथ नहीं है. मनरेगा में काम करने के लिए लोग इच्छुक हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मुहैया कराया जा रहा है. उक्त सारी समस्याएं आज उक्त पंचायत के तीन गांव के लोगों ने डालसा ( जिला विधिक सेवा प्राधिकार) की टीम को बताई. पंचायत के कदमडीह गांव की महिलाओं ने बताया कि ब्यांगविल पंचायत के मुखिया निरद सिंह योजनाओं के क्रियान्वयन में भेदभाव करते हैं. जिनका अपना आवास है. उन्हें पीएम आवास योजना का लाभ मिला है. जरूरतमंदों के लिए शौचालय बनवाने या आवंटित करने की बजाए पैसा लौटा दिया गया है. पेयजल के लिए सोलर चालित वाटर सप्लाई योजना में भी भेदभाव बरता गया है. पंचायत का कदमडीह गांव महतो एवं अति पिछड़ा वर्ग बहुल गांव हैं. यहां बीते दस वर्षों में पेयजल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई. डालसा की अवेयरनेस टीम को महिलाओं ने बताया कि शौचालय बनवाने और पेयजल सुविधा के लिए कई बार पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव को बताया गया. लेकिन सभी टाल मटोल करते रहे. प्रधानमंत्री आवास बनवाने में भी भेदभाव बरता गया. एसईसीसी डाटा (सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण-2011) में नाम रहने के बाद भी पीएम आवास से कई लोग वंचित रह गए. यही स्थिति पंचायत के सलगाडीह एवं ब्यांगविल गांव की भी है.
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