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वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट- कोरोनाकाल में 3.2 करोड़ मिडिल क्लास भारतीय गरीबी रेखा में पहुंचे, 7.5 करोड़ बीपीएल बढ़े

LagatarDesk : पिछले साल मार्च में कोरोना महामारी के कारण संपूर्ण देश में लॉकडाउन हो गया था. कोरोना वायरस पूरी दुनिया में कोहराम मचा रही है. कोरोना के केस थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना के कारण  मिडिल क्लास की आबादी में बड़ी गिरावट आयी है. वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के कारण लोग गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं. वर्ल्ड">https://www.worldbank.org/en/home">वर्ल्ड

बैंक का अनुमान है कि 2020 में लगभग 3.2 करोड़ भारतीय मिडिल क्लास से बाहर होकर गरीबी रेखा में आ गये. वहीं 7.5 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा के नीचे आ गये हैं. इसे भी पढ़े :फटी">https://lagatar.in/priyanka-gandhi-shares-pictures-of-pm-modi-and-mohan-bhagwat-on-torn-jeans/39397/">फटी

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एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में

प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत एक गंभीर मंदी के दौर में है. विश्व बैंक के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि तुलनात्मक रूप से चीन ने बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें मिडिल क्लास के लोगों की संख्या केवल 1 करोड़ घटी है. जबकि 2020 में गरीबी का स्तर लगभग अपरिवर्तित रहा. इसे भी पढ़े :बिजली">https://lagatar.in/electricity-department-raided-many-places-for-power-theft/39394/">बिजली

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40 साल में सबसे बड़ी आर्थिक मंदी से जूझ रहा भारत

रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के कारण लगाये गये लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां थम गयीं. इससे भारत पिछले 40 साल की सबसे बड़ी आर्थिक मंदी में चला गया. क्योंकि कोरोना महामारी ने बड़े पैमाने पर नौकरियां छीन लीं. हालांकि चीन इसे रोकने में सक्षम रहा. जनवरी में जारी अपनी विश्व आर्थिक अपडेट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)  ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में 8 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था. जबकि 2020 में चीन की अर्थव्यवस्था 2.3 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद थी. इसे भी पढ़े :Tanushree">https://lagatar.in/tanushree-dutta-celebrating-her-37th-birthday-today-reduced-weight-18-kg/39372/">Tanushree

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मिडिल क्लास के घटने से भारत की ग्रोथ पर पड़ेगा असर

रोजाना 10 से 20 डॉलर तक की कमाई करने वालों को मिडिल क्लास में गिना जाता है. महामारी आंशिक रूप से गरीबी को कम करने में पानी फेर सकती है. लेकिन देश के मिडिल क्लास की आबादी के सिकुड़ने से भारत की ग्रोथ पर थोड़ा प्रभाव पड़ सकता है. इसे भी पढ़े :गोड्डा">https://lagatar.in/godda-woman-angry-with-lover-arrest-enters-police-station-and-tearing-uniform/39384/">गोड्डा

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महामारी के दौरान 6.6 करोड़ सिकुड़ा मिडिल क्लास

महामारी में एक साल के दौरान मिडिल क्लास के लोगों की संख्या 6.6 करोड़ हो गयी है. यह कोरोना महामारी के पहले 9.9 करोड़ थी. इस बीच  भारत में गरीबों की संख्या 13.4 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. जो मंदी से पहले की 5.9 करोड़ की अपेक्षा दोगुने से भी अधिक है. इसे भी पढ़े :जामताड़ा">https://lagatar.in/jamtara-two-fraudsters-caught-in-the-name-of-polishing-jewelery-police-are-interrogating/39363/">जामताड़ा

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