- खरसावां के शहीद स्थल से शुरू होगी, खूंटी में समाप्त होगी
- -संविधान के तहत आदिवासियों को मिले अधिकारों के बारे में बताया जाएगा
- तिरंगे के साथ निकलेगी यात्रा
Ranchi : विभिन्न गैर राजनीतिक संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता 10 दिवसीय संविधान जागार जतरा यात्रा शुरू करेंगे. यात्रा 9 जून को खरसावां के शहीद स्थल से शुरू होगी, जो कोल्हार और दक्षिणी छोटानागपुर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए 18 जून को भगवान बिरसा मुंडा की शहादत भूमि खूंटी में समाप्त होगी. यह जानकारी पूर्व टीएसी सदस्य रतन तिर्की ने मनरेसा हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. बताया कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से गैर राजनीतिक होगा और हाथ में केवल तिरंगा झंडा होगा. इस कार्यक्रम में कोई भी राजनीतिक दल के व्यक्ति, जाति एवं धर्म के लोग शामिल हो सकते हैं. संविधान जागार जतरा में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारी भारतीय नागरिकता का प्रतीक होगा.
जागार जतरा का उदेश्य
- आदिवासी पहचान को सुरक्षित रखने के निमित्त आदिवासी क्षेत्रों के लिए संविधान में उल्लेखित विशेष नियमों पर लोगों के साथ संवाद कायम करना और संविधान में वर्णित अधिकारों के संदर्भ में लोगों को जागरुक करना.
- जमीनी स्तर पर भारतीय संविधान के प्रति जागरूकता से न सिर्फ झारखंड में बल्कि देश के पैमाने पर लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी.
- विभिन्न इलाके के पारंपरिक सामाजिक संगठन स्वयं सेवा संस्था, युवा और महिला संगठन स्कूल कॉलेज के छात्र-छात्रायें और आम मजदूर कलाकार एवं पूर्व सैनिक शामिल होंगे. हम सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से भी अपेक्षा करते हैं कि संविधान के प्रति अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए अपने इलाके में संविधान जागार जतरा से जुड़ेंगे.
ये हैं कार्यक्रम के संयोजक
केंद्रीय संयोजक बलराम, प्रबल महतो, झारखंड आंदोलनकारी एवं फिल्म मेकर, प्रभाकर तिकी संस्थापक अध्यक्ष आजसू एवं झारखंड आंदोलनकारी. रतन तिर्की झारखंड आंदोलनकारी एवं पूर्व सदस्य टीएसी, लुईस कुजूर, झारखंड आंदोलनकारी,मस्त सिंह मुंडा आदि.
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