धनबाद: आमतौर पर गुमशुदा व्यक्तियों के लिए अखबारों में इश्तिहार दिए जाते हैं, लेकिन बिजली विभाग चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकता. इश्तिहार देने पर उसकी नाकामी जगजाहिर हो जाएगी. वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना को कागज पर सफल बताने के लिए आनन-फानन में बिजली कनेक्शन तो दे दिए गए, लेकिन फॉर्म भरने में गड़बड़ी हो गई. जल्दबाजी में गड़बड़ी बिजली विभाग के लिए सिरदर्द बन चुकी है. धनबाद सर्किल में 10 हजार बिजली उपभोक्ताओं का पता विद्युत विभाग नहीं खोज पा रहा है. इस वजह से साल 2017 से 10 हज़ार उपभोक्ताओं की बिलिंग नहीं हो पा रही है. यह जानकारी मीडिया तक न पहुंचे, इसके लिए विभाग ने एक नई बिजली एजेंसी ईएमडी सॉल्यूशन को ऐसे उपभोक्ताओं को खोजने की जिम्मेवारी सौंपी है. वर्ष 2017 से 10 हजार उपभोक्ताओं के बिजली बिल नहीं वसूले जाने से बिजली वितरण निगम लिमिटेड को हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इधर डीवीसी लगातार बिजली विभाग पर बकाया राशि भुगतान के लिए दवाब बनाए हुए है. इस वजह से बिजली विभाग की चिंता और भी बढ़ गई है. बिजली विभाग धनबाद डिवीजन के कार्यपालक अभियंता शैलेंद्र भूषण तिवारी ने बताया कि लापता उपभोक्ताओं के बिजली बिल खोजने की जिम्मेदारी बिलिंग एजेंसी लाइनमैन और ऊर्जा मित्र को दी गई है. जल्द ही ऐसे उपभोक्ताओं को खोज कर बिजली बिल निकाल लिया जाएगा. क्या है सौभाग्य योजना सौभाग्य योजना की घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2017 को की थी. यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू विद्युतीकरण अभियानों में से एक है. इस योजना का उद्देश्य अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के जरिए देश में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण करना है. साथ ही इस योजना के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के उन सभी घरों में बिजली कनेक्शन देना है, जिन घरों तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचा है. यह भी पढ़ें : तार">https://lagatar.in/the-victim-died-in-the-grip-of-wire/">तार
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lagatar exclusive : 10 हज़ार बिजली उपभोक्ता लापता

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