Kabul : गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर देर शाम तीन धमाके एक के बाद एक हुए. इस धमाके में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है. जबकि 140 से ज्यादा लोग घायल है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मरने वाले की संख्या और बढ़ सकती है. क्यों कि कई घायलों की स्थिति नाजुक बनी हुई है. मरने वाले में 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल है. गुरुवार सुबह से ही धमाके की चेतावनी दी जा रही थी. इस ब्लास्ट के बाद तालिबानी शासन का असली चेहरा एक बाद फिर सबसे सामने आ गया है. अफगानिस्तान पर तालिबान का राज स्थापित होने के बाद दुनिया को सबसे पहला बड़ा झटका लगा है. धमाके की तस्वीर ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की चेतावनी
काबुल में हुए हमले और अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आंतकियों को चेतावनी दी है. जो बाइडन ने कहा कि आंतकियों को इस मौत की कीमत देनी पड़ेगी. हम इसे कभी नहीं भूलेंगे. उन्हें माफ नहीं किया जायेगा. धमाके में शामिल लोगों से चुन-चुन कर बदला लिया जायेगा. हम अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे. साथ ही अपने सहयोगियों को भी निकालेंगे. जो बाइडेन ने कहा कि हमारा मिशन जारी रहेगा. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त अमेरिकी फौज को फिर से अफगानिस्तान भेजेंगे. अमेरिका हमले में शामिल ISIS नेता को जानता है हमलोग रास्ता निकालेंगे और बिना बड़े सैन्य ऑपरेशन के भी उन्हें ढूंढ़ लेंगे, वो कहीं भी रहें.
गुरूवार की सुबह हमले की सूचना दी गई थी.
बता दें कि अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भाग रहे है. तालिबान के कब्जे के बाद हजारों की संख्या में काबुल एयरपोर्ट में लोग मौजूद रहते है. लोगों को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है. उसी बीच गुरुवार को एयरपोर्ट में तीन ब्लास्ट हुए है. इनमें से पहला ब्लास्ट सुसाइड अटैक था जिसकी पुष्टि अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने की थी.
गौरतलब है कि आतंकी हमले की चेतावनी गुरुवार सुबह ही दी गई थी. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को इस बारे में चेताया था. इन सभी देशों ने लोगों को काबुल काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा था. इस चेतावनी के कुछ घंटों बाद ही काबुल एयरपोर्ट पर तीन ब्लास्ट हुए थे.
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अमेरिकी सैनिकों पर सबसे बड़े आंतकी हमले में से एक है
हमले की अमेरिका ने कड़ी निंदा की है. साथ ही हमले में शामिल आंतकियों को चेतावनी भी दी है. बता दे कि पिछले कई दिनों से राष्ट्रपति जो बाइडेन व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम से लगातार हर गतिविधि पर नज़र रख रहे थे. बता दें कि अमेरिकी सेना पर 20 साल बाद इस तरह का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है.
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