सौरभ शुक्ला
Ranchi: साल 2017 के नवंबर महीने में शुरू हुआ 108 एंबुलेंस सेवा लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की थी. सेवा की शुरुआत से अबतक झारखंड के 24 जिले में 108 एम्बुलेंस मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम करती रही है.
कोरोना काल में वरदान साबित हुआ 108 एम्बुलेंस
कोरोना काल में एक ओर जहां निजी एंबुलेंस वाले मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार द्वारा संचालित 108 एंबुलेंस कोरोना के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. कोरोना के बढ़ते रफ्तार के बीच 5 मार्च से लेकर 19 अप्रैल तक राज्य के सभी जिले के 108 एंबुलेंस ने 2697 मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है.
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टोल फ्री नंबर 108 पर कॉल करते ही पहुंच जाता है एम्बुलेंस
एडवांस लाइफ सेविंग और बेसिक लाइफ सेविंग तकनीक से लैस 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन जिकितजा हेल्थ केयर के द्वारा किया जा रहा है.108 एंबुलेंस के टोल फ्री नंबर पर कॉल करते ही कॉल सेंटर में तैनात कर्मचारी आपके लोकेशन के आधार पर त्वरित गति से काम करते हुए एंबुलेंस भेजने का काम करते हैं.
ट्रेंड टेक्नीशियन एम्बुलेंस में करते हैं प्रारंभिक उपचार
108 एम्बुलेंस में ट्रेंड टेक्नीशियन को नियुक्त किया गया है. एंबुलेंस में जैसे ही मरीज को बैठाया जाता है उनका प्रारंभिक उपचार शुरू हो जाता है. अत्याधुनिक मशीन से लैस 108 एंबुलेंस में फर्स्ट एड दवा, ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध है.
कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के बाद एम्बुलेंस किया जाता है सैनिटाइज
108 एंबुलेंस सेवा के चीफ मैनेजर मिल्टन सिंह ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में भी हमारे एंबुलेंस चालक और टेक्नीशियन अपना धैर्य का परिचय देते हुए मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के बाद एम्बुलेंस को सैनिटाइज किया जाता है. एम्बुलेंस चालक और टेक्नीशियन की सुरक्षा के लिए उन्हें पीपीई किट मुहैया कराया जाता है.
कोरोना मरीजों के लिए इन जिलों में 108 एम्बुलेंस कर रहा है काम
रांची में 5, पूर्वी सिंहभूम में 5, गुमला में 3, सरायकेला में 3, लोहरदगा में 2, रामगढ़ में 3, गोड्डा में 4, साहेबगंज में 4, पाकुड़ में 3, गढ़वा में 3, सिमडेगा में 2, दुमका में 4, धनबाद में 6, देवघर में 2, गिरिडीह में 3, पश्चिमी सिंहभूम में 3, खूंटी में 2, बोकारो में 3, चतरा में 2, जामताड़ में 3, हजारीबाग में 2, कोडरमा में 2, लातेहार में 2, पलामू में 2.