Search

रांची के बीच शहर का "बड़ा तालाब" के चारों ओर की सड़क पर 116 गड्ढे

Choudhary Rehan Ahmad Ranchi: झारखंड की राजधानी रांची शहर के बीचो-बीच एक तालाब है. नाम है-बड़ा तालाब. करोड़ों रुपये खर्च कर बीच तालाब में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगवाई गई, वहां तक पहुंचने के लिए पुल भी बना है, पर कोई जाता नहीं. गंदगी और बदबू को लेकर यह तालाब चर्चा में रहता है. सफाई को लेकर हाईकोर्ट से भी आदेश-निर्देश आते रहते हैं. मेरा मानना है कि इस तालाब की चर्चा एक और वजह से होनी चाहिए. वह है, तालाब के चारों तरफ बनी सड़क. आप एकबार इसके चारों तरफ घूम लें, तय मानिये, आपका यह भ्रम दूर हो जायेगा कि यह राजधानी के उस तालाब के किनारे की सड़क है, जिसे कभी पर्यटन स्थल बनाने का सपना देखा गया था. सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/12/talab2.jpg">

class="aligncenter wp-image-991626 size-full" src="
https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/12/talab2.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> शनिवार को हम इस सड़क पर पैदल चले. हमने पाया, सड़क की लंबाई करीब 2.50 किमी है. सड़क कहीं पर 12 फीट तो कहीं 15 फीट चौड़ी है. 2.50 किमी लंबी सड़क पर कम से कम 116 छोटे-बड़े गड्ढे हैं. दर्जन भर जगहों पर सड़क कटा हुआ है, यह आपको स्पीड ब्रेकर जैसा एहसास दिलाता है. तालाब की गंदगी को लेकर खूब आवाज उठते हैं, पर गड्ढे को लेकर कभी नहीं. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/12/talab5.jpg">

class="aligncenter wp-image-991627 size-full" src="
https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/12/talab5.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> तालाब के उत्तरी किनारे पर सेवा सदन अस्पताल है. सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल. अस्पताल के सामने भी सड़क ठीक नहीं है. उबड़-खाबड़ तो है ही, गड्ढे ही गड्ढे आपको परेशान कर सकते हैं. आगे बढ़ने पर एक मंदिर आता है. उसके पास एक पुलिया का निर्माण डेढ़-दो साल पहले किया गया. लेकिन अब तक पुलिय और सड़क के बीच के हिस्से को दुरुस्त नहीं किया गया. नतीजा पत्थर के बोल्डर से यहां आपका सामना होता है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/12/talab3.jpg">

class="aligncenter wp-image-991628 size-full" src="
https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/12/talab3.jpg"

alt="" width="600" height="400" />   थोड़ा और आगे बढ़ने पर एक मोड़ आता है. डेढ़-दो साल पहले यहां भी पुलिया का निर्माण हुआ था. इस दौरान पुलिया के दोनों तरफ करीब 50-50 मीटर सड़क टूट-फुट गया. उसे अब तक ठीक नहीं किया गया. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/12/talab6.jpg">

class="aligncenter wp-image-991629 size-full" src="
https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/12/talab6.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> बड़ा तालाब देखने पर्यटक आएंगे. इस उम्मीद में सरकार ने तालाब के पूर्वी-उत्तरी हिस्से में एक पार्क बनाया. देखने से पता चलता है, वहां कोई पार्क अब नहीं बचा है. बस खाली जगह है, बैठने के लिए सीमेंट के बेंच हैं और थोड़े-बहुत पेड़-पौधे. इस पार्क के बगल की सड़क भी जर्जर है. पार्क से लेकर तालाब के दक्षिणी हिस्से से गुजरते हुए हम औघड़ बाबा आश्रम तक पहुंचे. इस हिस्से की सड़क भी पूरी तरह टूट चुका है. हालात ऐसे हैं कि अगर सड़क पर कोई ना हो, एकदम सुनसान हो, तब भी गाड़ी तेज नहीं चला सकते. इसे भी पढ़ें -

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp