Ranchi : झारखंड में 11 नवंबर को डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध कल्याण संस्थान में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) के 117 साल पूरे होने के अवसर पर हो रहा है, जिसमें राज्य भर के आदिवासी मूलवासी बुद्धिजीवी शामिल होंगे.
इसमें सीएनटी एक्ट के वर्तमान स्वरूप और महत्व पर चार चर्चा परिचर्चा होंगी. इसका उद्देश्य राज्य के आदिवासी- मूलवासी नौजवानों को उनके पारंपरिक हक अधिकार और परंपरा के बारे में जागरूक करना है.
कार्यशाला के मुख्य वक्ता
के राजू (प्रदेश प्रभारी झारखंड कांग्रेस), डॉ रामेश्वर उरांव (पूर्व मंत्री), शिल्पी नेहा तिर्की (मंत्री झारखंड सरकार), अजीत सिंह (पूर्व एडवोकेट जनरल झारखंड), पांडे रविंद्र नाथ राय,बासवी किड़ो सामाजिक कार्यकर्ता,सुभाषित सोरेन अधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट, रामचंद्र उरांव -प्रोफेसर नेशनल लॉ कॉलेज, डॉ हरि उरांव पूर्व विभाग अध्यक्ष जनजातीय क्षेत्र भाषा विभाग रांची विश्वविद्यालय और जगदीश लोहार मुख्य वक्ता होंगे. कार्यशाला में आदिवासी मूलवासी अपनी संस्कृति और अधिकारों के साथ परंपरा और संस्कृति को संरक्षित करने के प्रयासों की भी जानकारी दी जाएगी.


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