खास बातें
• 2025-26 में राजस्व व्यय के लिए 1,10,636 करोड़ रुपए है प्रस्तावित
• सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 37,884.36 करोड़ का प्रावधान
• सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 62,840.45 करोड़ और आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 44,675.19 करोड़ का है प्रावधान
• मंईयां सम्मान योजना के लिए 13 हजार 363 करोड़ 35 लाख रुपये का प्रावधान
Ranchi: वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन में सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए (1 लाख 45 का बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 फीसदी अधिक है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व व्यय के लिए 1,10,636 करोड़ 70 लाख (1 लाख 10 हजार 636 करोड़ 70 लाख) रुपये प्रस्तावित है, जो गत वर्ष से 20.48 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय अन्तर्गत गत वर्ष के पुनरीक्षित बजट पर 7.81 प्रतिशत वृद्धि के साथ 34.763.30 करोड़ (34 हजार 763 करोड़ 30 लाख) रुपये का प्रस्ताव है.
राज्य को अपने टैक्स से मिलेगा 35,200 करोड़ रुपए
सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 37,884.36 करोड़ (37 हजार 884 करोड़ 36 लाख) रुपये, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 62,840.45 करोड़ (62 हजार 840 करोड़ 45 लाख) रुपये तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 44,675.19 करोड़ (44 हजार 675 करोड़ 19 लाख) रुपये उपबंधित किये गये हैं.
राज्य को अपने कर राजस्व से 35,200 करोड़ (35 हजार 2 सौ करोड़) रुपये तथा गैर कर राजस्व से 25,856.12 करोड़ (25 हजार 856 करोड़ 12 लाख) रुपये केन्द्रीय सहायता से 17.057.10 करोड़ (17 हजार 57 करोड़ 10 लाख) रुपये तथा केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 47,040.22 करोड़ (47 हजार 40 करोड़ 22 लाख) रुपये, लोक ऋण से 20,000 करोड़ (20 हजार करोड़) रुपये एवं उधार तथा अग्रिम की वसूली से 246.56 करोड़ (246 करोड़ 56 लाख) रुपये होने का अनुमान है.
वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा 11,253.44 करोड़ (11 हजार 253 करोड़ 44 लाख) रुपये होने का अनुमान है, जो कि अनुमानित जीएसडीपी का 2.02 प्रतिशत है. वर्ष 2025-26 में राज्य का आर्थिक विकास दर वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य तथा वर्तमान मूल्य पर क्रमशः 7.5 प्रतिशत तथा 9.9 प्रतिशत अनुमानित है. मौजूदा कीमतों पर झारखण्ड का जीएसडीपी वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 4.6 ट्रिलियन (4 लाख 61 हजार 10 करोड़ रुपये) रहा. सरकार का प्रयास होगा कि वित्तीय वर्ष 2029-30 तक इसे 10 ट्रिलियन (10 लाख करोड़) रुपये का बनाया जाय. इसे वर्ष 2023-24 और 2029-30 के बीच प्रति वर्ष 14.2 प्रतिशत की औसत वृद्धि सुनिश्चित करके झारखण्ड को 2030 तक 10 ट्रिलियन रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
विकास दर लक्ष्य से थोड़ा कम
झारखण्ड का विकास दर अब तक उक्त लक्षित विकास दर (14.2 फीसदी) से कुछ ही कम रहा है. झारखण्ड की वर्तमान कीमत पर जीएसडीपी वर्ष 2000-01 में 32,093 करोड़ (32 हजार 93 करोड़) रुपये था, जो वर्ष 2000-01 और 2004-05 के बीच 12.5 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से बढ़ा और वर्ष 2004-05 और 2011-12 के बीच 12.4 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से बढ़ा. वर्ष 2011-12 से 2022-23 के बीच राज्य की मौजूदा कीमतों पर जीएसडीपी 9.1 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से बढ़ा। इस अवधि के दौरान वर्ष 2015-16 में कमजोर मॉनसून, वर्ष 2019-20 में आर्थिक मंदी तथा वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी का विकास दर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा.
इन ग्यारह वर्षों में से पांच वर्षों में आर्थिक विकास दर 14.2 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ा. 14.2 प्रतिशत की लक्षित विकास दर राज्य के मौजूदा संसाधनों का उपयोग करके, बाहरी कारकों, विशेष रूप से सूखे के प्रभाव को निष्प्रभावी करके और विकास को बढ़ावा देने वाले उपायों को लागू करके हासिल की जाएगी. इस क्रम में ग्रोथ इंजन कृषि, उद्योग, भौतिक संरचनाओं का विकास, वित्तीय सेक्टर (बैंकिग एवं अन्य वित्तीय संस्थान आदि) का विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास तथा सामाजिक सुरक्षा पर विशेष बल दिया जायेगा.
एक लाख किसानों को अनुदान देने का प्रावधान
सरकार ने झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से अब तक लगभग 4 लाख किसानों का 2 लाख रुपये तक का ऋण माफ किया है. इस मद में कुल 769 करोड़ रुपये से अधिक का व्यय किया गया है. 1 लाख किसानों को अनुदान देने का प्रस्ताव है, जिसपर 24 करोड़ 50 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है. उद्यानिकी क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रुप में स्थापित करने, कृषकों की आय में वृद्धि करने तथा पलायन रोकने के उद्देश्य से राज्य उद्यान विकास की योजना को आगे बढ़ाते हुए इस योजना अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष में सब्जी की खेती, फूल की खेती, कृषक प्रशिक्षण, सैंपलिंग नर्सरी की स्थापना, मधुमक्खी पालन की योजना, चाय की खेती का प्रत्यक्षण आदि पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में 304 करोड़ 85 लाख का बजट प्रस्तावित किया गया है.
पशुपालन एवं गव्य विकास के क्षेत्र में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 79,000 (79 हजार) लाभुकों को आच्छादित करने के लक्ष्य पर 255 करोड़ (2 सौ 55 करोड़) रुपये का बजट प्रस्तावित है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य 38,01,000 (38 लाख 01 हजार) मीट्रिक टन प्रस्तावित है. झारखण्ड मिल्क फेडरेशन के माध्यम से राज्य में दूध संग्रहण, विधायन एवं विपणन व्यवस्था के विस्तारीकरण/सुदृढ़ीकरण हेतु झारखण्ड डेयरी डेवलपमेंट प्लान के क्रियान्वयन का प्रस्ताव है.
बिरसा-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 350 करोड़
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें कृषि उत्पादन में आर्थिक नुकसान से भरपाई के लिए बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रतिकूल मौसम के कारण फसलों के उत्पादन में क्षति होने की स्थिति में फसलों की क्षति का आकलन कर किसानों को क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जा रही है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिरसा-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 350 करोड़ (3 सौ 50 करोड़) रुपये का बजटीय उपबंध प्रस्तावित है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में उक्त फेडरेशनों के आधारभूत संरचना के विकास एवं प्रशिक्षण हेतु 77.76 करोड़ (77 करोड़ 76 लाख) रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है.
कृषि एवं संबद्ध प्रक्षेत्र के लिए 4 हजार 587 करोड़ 66 लाख 24 हजार रुपये का प्रावधान
सिदो कान्हु कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड एवं जिला स्तरीय सहकारी संघ लिमिटेड का गठन किया गया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिला स्तरीय सहकारी संघ लिमिटेड के लिए हिस्सापूंजी हेतु 24 करोड़ (चौबीस करोड़) रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है. गोदाम निर्माण योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 118 गोदामों के निर्माण का कार्य प्रस्तावित है, जिसपर 259 करोड़ 52 लाख का बजटीय उपबंध किया गया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में ग्रामीण एवं शहरी इच्छुक युवाओं को मछली पालन की विभिन्न विधाओं में सहायता प्रदान कर स्वरोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने हेतु 4.10.000 (4 लाख 10 हजार) मीट्रिक टन मछली का उत्पादन कराने की योजना है. आगामी वर्ष में 2025-26 में कृषि एवं संबद्ध प्रक्षेत्र के लिए 4 हजार 587 करोड़ 66 लाख 24 हजार रुपये का बजट प्रस्तावित है.
ग्रामीण विकास के लिए 9 हजार 841 करोड़ 41 लाख 61 हजार का प्रावधान
ग्रामीण क्षेत्रों में आय के स्रोतों को बढ़ाते हुए रोजगार सृजन एवं उनके जीवन स्तर में सुधार करना हमारा मुख्य उद्देश्य है. वर्ष 2025-26 में महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत 12 करोड मानवदिवस रोजगार सृजित करने का लक्ष्य है. अबुआ आवास योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से अनाच्छादित राज्य के गरीब परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए की गई है, जिसमें लाभार्थियों को पांच किस्त में 2,00,000/- (दो लाख) रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है.
इस योजनान्तर्गत 2024-25 तक के लिए अबुआ आवास हेतु निर्धारित लक्ष्य 6 लाख 50 हजार के विरुद्ध अब तक कुल 6 लाख 1 हजार 135 आवासों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसमें से 19 हजार 685 आवास पूर्ण हो चुके हैं. शेष आवास वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूर्ण कराने का प्रस्ताव है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में सखी मंडलों के उत्पादों को उचित मूल्य एवं आर्थिक सहायता देने तथा वर्ष भर बाजार उपलब्ध कराने के लिए पलाश-ब्रांड के तहत विपणन कराया जा रहा है.
आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में पलाश मार्ट पर 30 करोड़ रुपये के व्यय का प्रस्ताव है. आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2 हजार सखी मंडलों को चक्रीय निधि की राशि तथा 35 हजार स्वयं सहायता समूहों को कैश क्रेडिट के लिए बैंक लिंकेज की सुविधा प्रदान की जाएगी. लगभग 2 लाख अतिरिक्त महिला किसानों को आजीविका संबंधी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा. वर्ष 2025-26 में ग्रामीण विकास के लिए 9 हजार 841 करोड़ 41 लाख 61 हजार रुपये का बजट प्रस्तावित है.
जल संसाधन के लिए 2 हजार 257 करोड़ 45 लाख 55 हजार रुपये के बजट का प्रावधान
वृहद् एवं मध्यम सिंचाई प्रक्षेत्र अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 779 करोड़ 20 लाख का योजना प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें नई सिंचाई परियोजना का निर्माण एवं पुरानी सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराने का लक्ष्य है. पूर्ण एवं अपूर्ण वृहद् एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के पुनर्स्थापन, जीर्णोद्धार, विस्तार एवं आधुनिकीकरण के लिए 136 करोड़ का बजटीय उपबंध प्रस्तावित है. इसके अतिरिक्त स्वर्णरेखा परियोजना पर आगामी वित्तीय वर्ष में 350 करोड़ का बजटीय उपबंध प्रस्तावित है.
पीरटांड प्रखंड में बराकर नदी पर वीयर का निर्माण कर भूमिगत पाईप लाईन के माध्यम से जल उद्दह कर पीरटांड प्रखंड में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना जुलाई, 2024 में प्रारंभ की गयी है, जिसे आगामी 3 वर्षों में 639 करोड़ 20 लाख की लागत से पूर्ण कराने का लक्ष्य है. लघु सिंचाई प्रक्षेत्र अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 352 चेकडैम, 3 वीयर एवं 10 सोलर उद्वह सिंचाई योजनाओं का निर्माण एवं 185 मध्यम सिंचाई योजनाओं का पुनर्स्थापन कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है, जिससे 29.722 हेक्टेयर सिंचाई सुविधा सृजित / पुनर्जीवित की जा सकेगी. सिंचाई सुविधाओं और सिंचाई क्षमता के विस्तार को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2025-26 में जल संसाधन के लिए 2 हजार 257 करोड़ 45 लाख 55 हजार रुपये का बजट प्रस्तावित है.
पंचायती राज के लिए 2,144 करोड़ 78 लाख 14 हजार रुपये का प्रावधान
शत-प्रतिशत राज्य योजना मद अन्तर्गत राज्य सरकार के द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में पंचायत सचिवालय सुदृढ़ीकरण योजना, विभिन्न भवन परिसंपत्तियों के निर्माण / मरम्मती / जीर्णोद्धार, सामुदायिक सेवा केंद्र तथा पंचायत ज्ञान केंद्र आदि पर कुल 280 करोड़ के बजटीय उपबंध का प्रस्ताव है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुदान मद में 1,322 करोड़ (1 हजार 3 सौ 22 करोड़) रुपये की राशि प्राप्त होने की संभावना है। उक्त राशि से संबंधित संस्था 30 (तीस) प्रतिशत जलापूर्ति पर, 30 (तीस) प्रतिशत स्वच्छता पर एवं शेष 40 (चालीस) प्रतिशत का व्यय स्थानीय आवश्यकता की योजनाओं पर कर सकेगी. पंचायती राज व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए वर्ष 2025-26 में 2,144 करोड़ 78 लाख 14 हजार रुपये का बजट प्रस्तावित है.
मंईयां सम्मान योजना के लिए 13 हजार 363 करोड़ 35 लाख रुपये का प्रावधान
राज्य सरकार ने सशक्त एवं समर्थ राज्य तथा समाज निर्मित करने के निमित्त राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी, सामाजिक रूप से सशक्त, शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से सजग और शिक्षित बनाने के निमित्त 18 से 50 वर्ष तक की आयु की महिलाओं को झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से आच्छादित किया है. इस योजनान्तर्गत प्रति महिला प्रति माह 2 हजार 5 सौ रुपये की दर से भुगतान करने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 13 हजार 363 करोड़ 35 लाख रुपये का बजटीय उपबंध का प्रस्ताव है.
किन्तु निःशक्त व्यक्तियों, आदिम जनजाति के व्यक्तियों, निराश्रित महिलाओं, एचआईवी/एड्स से ग्रसित व्यक्तियों एवं ट्रान्सजेन्डरों / तृतीय लिंग व्यक्तियों के साथ-साथ 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर सभी महिलाओं तथा अनुसूचित जनजाति / जाति के सभी व्यक्तियों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. इस योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 3,850.66 करोड़ (3 हजार 850 करोड़ 66 लाख) रुपये का बजटीय प्रावधान किया जा रहा है.
इसके अन्तर्गत लगभग 34 लाख लाभार्थी आच्छादित होंगे. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के मद में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल 1,449.26 करोड़ (1 हजार 449 करोड़ 26 लाख) रुपये का बजटीय प्रावधान किया जा रहा है, जिससे लगभग 12,00,000 (बारह लाख) लोगों को पेंशन दिया जा सकेगा.
सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का अपना भवन हो, इसे राज्य सरकार सुनिश्चित करा रही है. इसी क्रम में सरकार वर्ष 2025 तक भवनहीन केन्द्रों में से 2,500 (दो हजार पांच सौ) आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण करायेगी. वर्त्तमान में 38,523 (अड़तीस हजार पांच सौ तेइस) केन्द्र संचालित है. कुल 7,700 (सात हजार सात सौ) आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों के लिए टेबुल, कुर्सी के मद में कुल 250.17 करोड़ (2 सौ 50 करोड़ 17 लाख) रुपये का प्रावधान किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें – कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद के ट्वीट पर बीसीसीआई भड़का, रोहित शर्मा को मोटा और खराब कप्तान कहा था
हर खबर के लिए हमें फॉलो करें
Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
Twitter (X): https://x.com/lagatarIN
Google news: https://news.google.com/publications/CAAqBwgKMPXuoAswjfm4Aw?ceid=IN:en&oc=3