अज्ञात शवों की पहचान के लिए 72 घंटे का समय निर्धारित है
जानकारी के अनुसार अज्ञात शवों की पहचान के लिए 72 घंटे का समय निर्धारित है. अज्ञात शव मिलने के 72 घंटे के भीतर एक इश्तेहार अखबार में प्रकाशित करवाया जाता है. इसका प्रकाशन सीआइजी (क्राइम इंवेस्टिगेशन गजट) के तहत कराया जाता है. 72 घंटे के इंतजार के बाद शव को मुक्त करते हुए पुलिस अपने स्तर पर अंतिम संस्कार कराने के लिए स्वतंत्र हो जाती है या किसी संस्था को भी यह काम दिया जा सकता है. अक्सर अज्ञात लाशों के संबंध में कपड़े, रंग, पहनावा और हुलिया का प्रकाशन किया जाता है, लेकिन अधिकांश मामलों में इसकी पहचान नहीं हो पाती है.हत्या या यूडी में दर्ज होते हैं मामले
अज्ञात शव मिलने पर अक्सर अस्वाभाविक मौत (यूडी) के मामले दर्ज होते हैं. हालांकि पुलिस को लगता है कि सिर कूचला है या चेहरे पर जख्म है तो हत्या के मामले भी दर्ज किए जाते हैं. कोई सुराग नहीं मिलने पर सत्य सूत्रहीन कर कोर्ट को रिपोर्ट भेज दिया जाता है. कई बार ऐसा भी होता कि हत्या कर शव को दूसरी जगह फेंक दिया जाता है. मृतक आसपास के इलाके के नहीं होते, तो पहचान भी नहीं होती है. 72 घंटे के दौरान यदि शव की पहचान नहीं हो पाती है तो पुलिसिया कार्रवाई से मुक्त कर अंतिम संस्कार के लिए भेजा जा सकता है.पिछ्ले एक वर्ष के दौरान 131 व्यक्ति मौत के बाद भी रह गए गुमनाम
पिछ्ले के वर्ष के दौरान झारखंड पुलिस ने ऐसे 131 अज्ञात शव बरामद किए जिनकी पहचान नहीं हो पाई. इसमें रेल धनबाद में 36, सराइकेला में 12, दुमका में 2, देवघर में 5, बोकारो में 01, धनबाद में 06, गुमला में 02, पलामू में 02, रांची में 12, जमशेदपुर में 06, चाईबासा में 08, सिमडेगा में 01, रेल जमशेदपुर में 16, गिरिडीह में 05, पाकुड़ में 02, गोड्डा में 01, लातेहार में 01, लोहरदगा में 01, चतरा में 02, साहिबगंज में 01, लातेहार में 01, हजारीबाग में 01 और कोडरमा में 04 अज्ञात शव बरामद हुए है. इसे भी पढ़ें-जयनगर">https://lagatar.in/ranchi-residents-will-protest-against-extending-jaynagar-express-to-rourkela/17888/">जयनगरएक्सप्रेस को राउरकेला तक बढ़ाने का रांचीवासी करेंगे विरोध

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