गोमो (मुख्य), कोडरमा, चोपन व बरकाकाना स्वास्थ्य केंद्र में बैठते हैं चिकित्सक
Dhanbad: धनबाद रेल मंडल कमाई में नंबर वन है. हर साल 26,000 करोड़ रुपये की कमाई करता है और लगभग 26 हजार रेलकर्मी काम करते हैं. परंतु मुख्यालय में एक मंडल रेल अस्पताल व शेष जगहों पर 16 स्वास्थ्य केंद्र हैं. हालांकि 12 स्वास्थ्य केंद्रों में एक भी चिकित्सक नहीं हैं. सब-डिवीजनल अस्पताल, पतरातू में कुछ सुविधाएं हैं, परंतु चिकित्सक नहीं है. गोमो (मुख्य), कोडरमा, चोपन व बरकाकाना स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक बैठते हैं, लेकिन गझंडी, हजारीबाग रोड, गोमो (लोको), भूली, धनबाद (लोको), पाथरडीह, कतरासगढ़, पतरातू (डीजल), टोरी, बरवाडीह, गढ़वा रोड व सिंगरौली स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक विहीन हैं. यहां रिटायर होने के बाद चिकित्सकों की बहाली नहीं हुई. अधिकारी तो बड़े अस्पतालों में इलाज करा लेते हैं, परंतु सुदूर इलाकों में रेलकर्मी को काफी परेशानी होती है. 189 स्टेशनों में 150 के आसपास सड़क तक नहीं
सूत्रों के अनुसार धनबाद रेल मंडल के ग्रैंडकार्ड व सीआईसी सेक्शन में धनबाद-मानपुर, गोमो-बरकाकाना, बरकाकाना-सिंगरौली रेलखंड के बीच 189 में 150 से अधिक छोटे-छोटे स्टेशन व हाल्ट है, जहां आसपास के इलाके में पक्की सड़क तक नहीं है. वहां के रेलकर्मी या उनके पत्नी-बच्चों की तबीयत बिगड़ी तो कहां इलाज करायेंगे. इसकी चिंता अधिकारियों को नहीं है. स्थायी वार्ता तंत्र की बैठक में भी उठा था मुद्दा
ईसीआरकेयू के मीडिया प्रभारी एनके ख्वास का कहना है कि स्थायी वार्ता तंत्र की बैठक में डीआरएम के समक्ष चिकित्सकों की कमीं का मुद्दा उठाया गया था. लेकिन चिकित्सक नहीं मिल रहे हैं. सुदूर इलाके के रेलकर्मी के परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ जाए तो उन्हें निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है. उन्हें काफी परेशानी होती है. [wpse_comments_template]
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