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मासिक लोक अदालत में 15 पीड़ितों को दिया गया 17 लाख 50 हजार मुआवजा

Ranchi: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची की ओर से शनिवार को रांची सिविल कोर्ट परिसर में मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय पीयूष कुमार समेत अन्य न्यायिक पदाधिकारियों ने किया. लोक अदालत में 15 लोगों के बीच 17 लाख 50 हजार रूपये का चेक वितरण किया गया. लोक अदालत के आयोजन के लिए लिये आठ बेंच का गठन किया गया था. इस लोक अदालत में कुल 7 वादों का निष्पादन किया गया एवं 14,400 रूपयों का निष्पादन विभिन्न वादों में किया गया. लोक अदालत लोगों को सस्ता सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने का माध्यम बनता जा रहा है. [caption id="attachment_43084" align="aligncenter" width="1280"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/03/61c6ed0c-8464-49d0-8ea7-9efbc7e58d54.jpg"

alt="Lagatar" width="1280" height="594" /> जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची की ओर से शनिवार को रांची सिविल कोर्ट परिसर में मासिक लोक अदालत का आयोजन[/caption] इसे भी पढ़ें- चतरा">https://lagatar.in/in-chatra-bullies-assaulted-the-girl-police-arrested-two-people/43063/">चतरा

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रांची फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश पीयूष कुमार ने कहा कि प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को मासिक लोक अदालत का आयोजन किया जाता हैं. शनिवार को इस लोक अदालत में रेप और एसिड अटैक पीड़ितों को मुआवजा भी दिया जा रहा है. पीड़ित महिला बहुत ही बहादुर होते हैं, जो पीड़ित होकर भी न्यायालय में लड़ते हैं, और पुनःजीवन को सुचारू रूप से गुजर-बसर करने के लिए सदैव तत्पर रहते है. इसे भी पढ़ें- होटवार">https://lagatar.in/hotwar-jail-superintendent-wrote-to-aims-director-asked-how-is-lalus-health-preparing-to-send-a-reminder-again/43059/">होटवार

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उन्होंने कहां कि रेप की पीड़िता के साथ सम्मान पूर्वक पेश आना चाहिए, उनके साथ किसी भी प्रकार का दुव्यर्वहार नहीं करना चाहिए. उनके पुनर्वास के लिए हर संभव मदद करना चाहिए, जिसके लिए विक्टिम कंपनसेशन फंड बनाया गया है.उन्होंने कहां कि धारा-376 में सजा कड़ी की गयी है एवं पीड़िता को मुआवजा देने का प्रावधान भी किया गया है. उन्होंने कहा कि लड़कियों को भी लड़कों की तरह बाजार जाने, सड़क पर घुमने एवं स्कूल-कॉलेज में निर्भिक होकर घूमने की आजादी मिलनी चाहिए, उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर हैं. इसे भी पढ़ें-12">https://lagatar.in/information-delayed-regarding-seizure-of-liquor/43054/">12

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रांची डीडीसी अनन्या मित्तल ने कहा कि आम जनमानस में जागरूकता की कमी होने के कारण पीड़ितों की पहचान ठीक से नहीं हो पाती है. मासिक लोक अदालत का आयोजन सबसे अच्छा माध्यम है, जिससे पीड़ितों को मुआवजा देकर उन्हें पुनस्थापना के लिए तैयार किया जाता है. उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा देकर कहा कि आप उक्त पैसे का उपयोग अपनी पढ़ाई लिखाई, रोजगार एवं जीवन यापन के कार्य में लगायें. https://lagatar.in/palash-flowers-will-make-colors-of-holi-along-with-syrup/43049/

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