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LED, वाटर प्यूरीफायर, ट्रेनिंग जैसे कामों पर बैंकों के CSR का 206 करोड़ खर्च

  • 206.63 करोड़ के खर्च में से HDFC बैंक ने अकेले ही 148.16 करोड़ रुपये खर्च किया है.
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक ने एक भी पैसा खर्च नहीं किया.

Ranchi : झारखंड में काम करने वाले 19 बैंकों ने अपने सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत तीन वित्तीय वर्षो (2022-25) में 206.63 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया है. बैंकों ने इससे संबंधित ब्योरा राज्य सरकार को सौंपा है. इसमें CSR के रूप में पुलिस लाईन में पंखा लगाने, DRDA में वाटर कूलर व वाटर प्यूरिफायर देने के आलवा LED लाईट लगाने का उल्लेख किया गया है. सरकार को दिये गये ब्योरे के विश्लेषण से इस बात की पुष्टि होती है कि बैंकों द्वारा CSR पर किये जाने वाले खर्च में लगातार गिरावट  आ रही है. बैंको द्वारा सरकार को दिया गया CSR पर खर्च का ब्योरा आसानी से पढ़ने लायक तक नहीं है.

 

राज्य सरकार ने बैंकों से CSR मद में किये गये खर्च का ब्योरा मांगा था. सरकार द्वारा मांगे जाने पर CSR मद में किये गये खर्च से संबंधित 21 बैंकों की सूची सरकार को सौंपी गयी है. सूची में शामिल दो बैंकों ने तीन वित्तीय वर्ष में CSR पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया है. इसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक का नाम शामिल है. सरकार को सौंपी गयी रिपोर्ट में इन दोनों बैंकों के सिलसिले में इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है कि इन बैंकों द्वारा CSR के लिए निर्धारित वित्तीय मापदंड को पूरा किया गया है या नहीं. CSR के लिए निर्धारित  वित्तीय मापदंड पूरा करने वाली कंपनियों या संस्थाओँ पर ही अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करने की जिम्मेवारी है.

 

राज्य के 19 बैकों ने CSR पर वर्ष 2022-23 में 92.52 करोड़, 2023-24 मे 84.62 करोड़ और 2024-25 में सिर्फ 29.48 करोड़ रुपये खर्च करने का ब्योरा सरकार को दिया है. इसके विश्लेषण से इस बात की पुष्टि होती है कि बैंकों द्वारा CSR पर किये जाने वाले खर्च में लगातार गिरावट आती जा रही है. 

 

वित्तीय वर्ष खर्च
2022-23  92.52 करोड़
2023-24  84.62 करोड़
2024-25  29.48 करोड़

 

सरकार को सौंपी गयी रिपोर्ट के अनुसार तीन वित्तीय वर्षों के दौरान बैंकों द्वारा किये गये 206.63 करोड़ के खर्च में से HDFC बैंक ने अकेले ही 148.16 करोड़ रुपये खर्च किया है. यानी HDFC ने 19 बैकों द्वारा CSR पर किये गये कुल खर्च का 72 प्रतिशत अकेले ही खर्च किया है. 

 

सरकार को सौंपी गयी रिपोर्ट में HDFC द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में Holistic Rural Devlopment Programme (HRDP) पर कुल 148.16 करोड़ रुपये खर्च दिखाया गया है. HDFC द्वरा चलाये गये ग्रामीण विकास के कार्यक्रम के ब्योरे में संबंधित जिले का नाम पढ़ा जा रहा है. लेकिन उस स्थान का नाम पढ़ने लायक नहीं है जहां बैंक द्वारा ग्रामीण विकास का कार्यक्रम चलाया गया.

 

 बैकों द्वारा CSR पर किये गये खर्च का व्योरा (लाख में)

बैंक का नाम  2022-23  2023-24  2024-25  कुल
एक्सिस बैंक 00.00  1.00  2.00  3.00
बंधन बैंक  621.94  284.06  190.72  1096.73
बैंक ऑफ इंडिया  9.31  38.27  28.32  85.90
बैंक ऑफ महाराष्ट्रा  00.00  1.75  0.42  2.17
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया  00.00  00.00  00.00  00.00
सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक  00.00  00.00  00.00  00.00
स्मॉल फाइनेंस बैंक  48.80  53.66  151.35  253.81 
एचडीएफसी बैंक  7730.00 7086.00  00.00 14816.00
आइसीआईसीआई बैंक  635.55  716.06  1727.30  3078.91
आइडीबीआई बैंक  00.00  4.00  94.76 98.76
इंडियन बैंक  1.76  21.99  6.09  29.85
इंडसइंड बैंक  39.43  32.95  412.00  484.38
ग्रामीण बैंक  00.07  00.74  00.47  01.29
पंजाब एंड सिंध बैंक  00.00  00.40  27.38  28.23
करूर व्यास बैंक  00.10  00.00  00.00  00.10
पंजाब नेशनल बैंक  4.32  18.64  14.37  37.33
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया  131.26  187.09  243.64  561.99
यूको बैंक  00.26  00.83  01.50  02.59 
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया  19.21  00.00  2.52  21.73
उत्कर्ष बैंक  00.00 00.00  39.11  39.11
यस बैंक  00.00 16.32  08.16  24.48

 

CSR के लिए निर्धारित मापदंड

कंपनियों या संस्थाओं पर Corporate Social Responsibility (CSR) की बाध्यता तय करने के लिए वित्तीय मापदंड निर्धारित है. CSR के दायरे में 500 करोड़ रुपये या इससे अधिक Networth वाली कंपनियों को शामिल किया गया. इसके अलावा 1000 करोड़ रुपये की Turnover वाली कंपनी या पांच करोड़ रुपये शुद्ध लाभ वाली कंपनियों पर CSR की बाध्यता है. इस वित्तीय पैमाने पर खरा उतरने वाली कंपनियों को अपनी आमदनी का 2% हिस्सा CSR पर खर्च करना होता है. CSR का पैसा स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण ग्रामीण विकास जैसे कार्यों पर खर्च करने का नियम है. किसी कंपनी द्वारा CSR पर किया जाने वाला खर्च “दान” नहीं है. बल्कि यह निर्धारित वित्तीय मापदंडों को पूरा करने वाली कंपनियों का सामाजिक दायित्व है. कंपनियां अपने इस सामाजिक दायित्व से मुंह नहीं मोड़ सकती है.

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